Web  hindi.cri.cn
    चीन की हाईस्पीड ट्रेन पर भारत का शौक है क्या?
    2015-03-16 15:32:26 cri

    मित्रों, जब जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल चीन आयी तो उन्होंने चीन की हाईस्पीड ट्रेन की यात्रा की। जब ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन चीन आये तो उन्होंने भी चीन की हाईस्पीड ट्रेन की यात्रा की। यहां तक कि ब्राज़िल के राष्ट्रपति दीलमा रौस्सेफ़ ने भी चीन के रेलवे निर्माण, विशेष रूप से हाईस्पीड रेल निर्माण में प्राप्त बड़ी उपलब्धियों को देखते हुए आशा जतायी कि चीन ब्राजिल के हाईस्पीड ट्रेन निर्माण में भाग ले सकेगा। हाईस्पीड ट्रेन चीन की एक पहचान बन गयी है। यहां तक कि चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग को मजाक में सुपर सेल्समैन कहा गया है क्योंकि वे किसी भी व्यक्ति से मिलते हैं तो हाईस्पीड ट्रेन का प्रचार करने लगते हैं।

    हाईस्पीड ट्रेन का क्या फायदा है। चीन की पहली हाईस्पीड ट्रेन के रूप में पेइचिंग से थियंचिन तक इंटरसिटी ट्रेन ने वर्ष 2008 में शुरू होने से वर्ष 2013 तक कुल 11.7 करोड़ यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाया। हाईस्पीड ट्रेन से शहर में क्या बदलाव लाया जा सकता है। इस सवाल का जवाब देते हुए थियंचिन शहर के जन प्रतिनिधि, थियंचिन शहरी नियोजन ब्यूरो के उप प्रधान हुओ पिंग ने कहा, पेइचिंग से थियंचिन तक इंटरसिटी ट्रेन शुरू होने के बाद दोनों शहरों में गुणात्मक परिवर्तन हुआ। पहले एक्सप्रेस राजमार्ग पर चलते हुए दो घंटे से ज्यादा समय लगता था। हाईस्पीड ट्रेन शुरू होने के बाद सिर्फ आधे घंटे का समय लगता है। इस तरह दोनों शहरों को एक ही शहर की तरह बनाया गया। ज्यादा से ज्यादा लोगों की थियंचिन में रहने और पेइचिंग में काम करने की इच्छा जतायी गयी। वर्तमान में हाईस्पीड ट्रेन थियंचिन के नये समुद्रतटीय क्षेत्र में फैलकर बंदरगाह तक पहुंच गई है, जो पुरे समुद्रतटीय क्षेत्र के विकास, बंदरगाह और मुक्त व्यापार क्षेत्र के निर्माण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

    भारत एक विशाल आबादी वाला देश और एक नवोदित देश भी है, जिसमें बुनियादी सुविधा को उन्नत करने की भारी मांग है। वहां हाईस्पीड की मांग भी दिन ब दिन मजबूत हो रही है। कई सालों से चीन में रह रहे भारतीय विकास कुमार सिंह हमें बताते हैं कि हमारी हाईस्पीड ट्रेन भारतीय लोगों के आंखों में कितनी महत्वपूर्ण है। भारत में ट्रेन एक बहुत अहम परिवहन का साधन है। उसे छोड़कर लोगों की यात्रा में बहुत भारी प्रभाव पड़ेगा। भारत में एक्सप्रेस राजमार्ग के अपूर्ण निर्माण के कारण लोग लंबी दूरी की यात्रा के लिए ट्रेन पर निर्भर हैं।

    भारतीय लोगों का पसंदीदा परिवहन साधन भारत रेल अकसर लेट होने, खराब होने या हादसे का शिकार होने की वजह से विवादों में घिरी रहती है। इधर के दिनों में भारतीय रेल मंत्री ने कहा कि आगामी पांच सालों में रेलवे क्षेत्र में 1 खरब 37 अरब अमेरिकी डॉलर का पूंजी-निवेश किया जाएगा। हाईस्पीड ट्रेन भारत का एक विकास लक्ष्य है। 70 किलोमीटर प्रति घंटे की औसत गति को हाईस्पीड ट्रेन की गति तक बढ़ाने में भारत को "तेजी" मिलेगी। चीनी आधुनिक अंतरराष्ट्रीय संबंध अनुसंधान संस्था के दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्वी एशिया व ओशिनिया अनुसंधान विभाग के प्रधान हु शीशंग ने संवाददाता से यह बात कही।

    उन्होंने कहा कि भारत के मैनुफैक्चरिंग के विकास में सबसे बड़ी कठिनाई है अविकसित लॉजिस्टिक्स, जिसका मुख्य कारण है अविकसित बुनियादी सुविधाएं। जब हाईस्पीड ट्रेन का क्षेत्र खुल जाएगा तब अन्य सभी बुनियादी सुविधाओं के क्षेत्रों में भी सुधार का कदम बढ़ाया जाएगा।

    विशाल भारतीय बाजार और विकास की असीमित निहित शक्ति के सामने चीन समेत कई हाईस्पीड ट्रेन ताकतों का ध्यान वहां पर केंद्रित हुआ। इनमें चीन की हाईस्पीड ट्रेन और जापान की बुलेट ट्रेन शिंकनसेन के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा ने हमेशा मीडिया ध्यान आकर्षित किया। बुलेट ट्रेन शिंकनसेन की तुलना में चीन की हाईस्पीड ट्रेन की क्या श्रेष्ठताएं हैं। इस बारे में हु शीशंग ने हमें बताया कि चीन की पैकेज सेवा है, जिसमें व्यक्तियों के प्रशिक्षण से, कल-पुर्जों के उत्पादन, यहां तक कि कल-पुर्जों के स्थानीय उत्पादन तक शामिल है। जबकि जापान ट्रेन का पूरा सेट प्रदान करता है और वह किसी प्रोद्योगिकी का हस्तांतरण नहीं करता। भविष्य में ट्रेन की मरम्मत में जापान सुरक्षा के बहाने से प्रमुख भूमिका निभाएगा। लेकिन चीन न निर्फ निर्माण करता, बल्कि उसे सिखाते हुए सभी प्रोद्योगिकी का हस्तांतरण करता है।

    इस के अलावा हाईस्पीड ट्रेन के निर्माण में चीन के बहुत ज्यादा अनुभव और सफल उदाहरण हैं, जिससे भारत के बाजार में चीन की प्रतिस्पर्द्धा शक्ति बढ़ गयी। चीन रेलवे निर्माण कॉर्पोरेशन के महानिदेशक चाओ क्वुआंग फा ने कहा बाहर जाने में चीन की हाईस्पीड ट्रेन की बहुत सी श्रेष्ठता है। हमारी हाईस्पीड ट्रेन की मील-दूरी विश्व में 60 प्रतिशत पर काबिज होकर 16 हजार किलोमीटर पहुंची। हमारी हाईस्पीड ट्रेन की प्रति घंटे की गति 350 किलोमीटर तक पहुंची, वास्तव में जिसे 300 किलोमीटर तक कम किया गया। जबकि परीक्षण में ट्रेन की गति 480 किलोमीटर तक पहुंची। इसलिए कहा जा सकता है कि प्रोद्योगिकी, गुणवत्ता और मील-दूरी में हम विश्व के पहले स्थान पर हैं।

    जुलाई वर्ष 2014 में तुर्की के अंकारा से इस्तांबुल तक हाईस्पीड ट्रेन का परिचालन हुआ, जो चीन की हाईस्पीड ट्रेन की शक्ति का एक स्पष्ट सबूत माना जा सकता है। उसकी प्रति घंटे की गति 250 किलोमीटर है, जो विदेशों में चीन द्वारा निर्मित पहली हाईस्पीड ट्रेन है।

    कुछ समय पहले की खबर है कि चीन नयी दिल्ली और चेन्नई के बीच 1750 किलोमीटर की हाईस्पीड ट्रेन लाइन के निर्माण के बारे में भारत को संभाव्यता रिपोर्ट देगा। लेकिन कुछ लोगों को इस बात से आशंका है कि चीन के प्रति भारत की सतर्कता से हाईस्पीड ट्रेन आर्डर की दौड़ में चीन पर बुरा असर पड़ेगा। लेकिन हु शीशंग के विचार में ऐसे आशंका करने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रॉफिट शेयरिंग मॉडल, पूंजी-निवेश मॉडल, भूमि अधिग्रहण, पर्यावरण संरक्षण और सुरक्षा गारंटी आदि क्षेत्रों में चीन क्या शर्त निभाएगा, जिसका चीन द्वारा यह परियोजना प्राप्त करने में सबसे बड़ा प्रभाव है। उन्होंने कहा, मोदी के विचार में विकास सबसे महत्वपूर्ण है और जन-जीवन के सुधार को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। विकास के मुद्दे पर उनका रवैया सकारात्मक है। इसलिए इस मुद्दे में केंद्रीय सरकार का हस्तक्षेप बड़ा नहीं होगा। जब केंद्रीय सरकार चीन की हाईस्पीड ट्रेन प्रोद्योगिकी का इस्तेमाल करने का फैसला करेगी, तब कम से कम मोदी सरकार के दौरान बड़ी बाधाएं खड़ी नहीं होंगी।

    चीनी उपकरण के बाहर जाने की लहर के साथ-साथ हाईस्पीड ट्रेन ज्यादा से ज्यादा विदेशी लोगों को एक अलग तरीके का मेड इन चाइना दिखाएगा। वर्ष 2015 के एनपीसी और सीपीपीसीसी के दौरान चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग ने सरकारी कार्य रिपोर्ट देते हुए स्पष्ट शब्दों से कहा कि विदेशों में बुनियादी सुविधाओं के निर्माण में भाग लेने के लिए कारोबारों को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। रेलवे समेत चीनी उपकरण के बाहर जाने में बढ़ावा दिया जाएगा। वह न सिर्फ चीनी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने की प्रेरक शक्ति है, बल्कि पूरी दुनिया को मेड इन चाइना का समान उपभोग करवाने का अहम मौका भी है। उच्च गुणवत्ता और सस्ता वाले चीन की हाईस्पीड ट्रेन के सामने भारत, आप क्या चयन करेंगे?

    मीनू

    © China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
    16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040