भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 फरवरी को चीन और भारत के बीच विवादित स्थल जाकर तथाकथित"अरूणाचल"प्रदेश की स्थापना दिवस गतिनिधि में हिस्सा लिया। इसपर चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ह्वा छुनयींग ने कहा कि चीन भारतीय नेता के विवादित क्षेत्र में जाकर कार्यक्रम में शामिल होने का सख्त विरोध करता है। चीन ने इस बारे में भारत के सम्मुख मामला उठाया है।
उन्होंने कहा कि चीन-भारत सीमा समस्या पर चीन का रुख हमेशा से स्पष्ट है। चीन और भारत के सीमा पर विवादित क्षेत्र मौजूद है, यह सर्वमान्य तथ्य है। चीन सरकार तथाकथित अरूणाचल प्रदेश को कतई स्वीकार नहीं करती। चीन भारतीय नेता के विवादित क्षेत्र में जाने का कड़ा विरोध करता है। चीन ने इस बारे में भारत के सामने मामला उठाया है। भारत के इस कदम से द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचेगा, साथ ही मतभेद को नियंत्रण में करने और सुलझाने के भी विपरीत है। चीन को उम्मीद है कि भारत चीन के रुख को महत्व देगा और चीन के साथ वार्ता के ज़रिए सीमा मुद्दे का समाधान करेगा। इस समस्या के समाधान से पहले भारत को इसे जटिल बनाने का कोई भी कदम नहीं उठाना चाहिए।
(दिनेश)