चीनी उप विदेश मंत्री ल्यू चनमिन ने 21 फरवरी को चीन स्थित भारतीय राजदूत अशोक कंठ को बुलाकर नरेंद्र मोदी के चीन और भारत के बीच विवादित सीमावर्ती क्षेत्र के दौरे का मामला उठाया।
ल्यू चनमिन ने कहा कि चीन-भारत सीमा मुद्दे पर चीन का रुख हमेशा से स्पष्ट है। चीन और भारत के सीमा पर विवादित क्षेत्र मौजूद है, यह सर्वमान्य तथ्य है। चीन सरकार तथाकथित"अरुणाचल प्रदेश"को कतई स्वीकार नहीं करती। मोदी के विवादित क्षेत्र का दौरा करने से चीन की प्रादेशिक संप्रभुता और अधिकार व हितों को नुकसान पहुंचा, दोनों देशों के बीच सीमा मुद्दे पर मौजूद मतभेद विस्तार हुआ और इस मामले के निपटने में दोनों पक्षों के बीच संपन्न सिद्धांतों और आम सहमतियों का उल्लंघन किया गया। चीन इस कदम से नाराज है, साथ ही इसका सख्त विरोध भी करता है।
ल्यू चनमिन ने ज़ोर देते हुए कहा कि चीन भारत के साथ संबंधों को महत्व देता है। एक दूसरे के पड़ोसी और सबसे बड़े विकासशील देशों के रूप में चीन और भारत के बीच सहयोग की बड़ी संभावना है। चीन को उम्मीद है कि भारत द्विपक्षीय संबंधों के बेहतरीन विकसित रूझान को महत्व देते हुए चीन के साथ सीमा मुद्दे पर हासिल सहमतियों का पालन करेगा। इस समस्या को जटिल करने का कदम नहीं उठाएगा। वार्ता के माध्यम से सीमा मुद्दे का समाधान करेगा, ताकि द्विपक्षीय संबंध की विकसित दिशा बनाई रखी जा सके।
(दिनेश)