ह्वावेई कंपनी ने 5 फरवरी को बंगलोर में अपने अनुसंधान और विकास केंद्र की स्थापना की 15वीं वर्षगांठ मनायी और केंद्र के नए यूनिट के निर्माण का समापन समारोह आयोजित किया।
अनुसंधान और विकास केंद्र के मुख्य परिचालन अध्यक्ष यानी सीओओ वांग वेई ने समारोह में उम्मीद जतायी कि यह केंद्र भविष्य में ह्वावेई कंपनी के विकास के नए रास्ते में अधिक अहम भूमिका निभाएगा। भविष्य के उन्मुख वैज्ञानिक और तकनीकी सृजन करेगा और भारतीय समाज में डिजिटलकरण सुधार का स्तंभ बनेगा।
भारत स्थित चीनी राजदूत ले य्वूछङ ने समारोह में कहा कि चीन-भारत सहयोग की आदर्श मिसाल के रूप में ह्वावेई कंपनी ने भारत के आर्थिक विकास में चीनी कंपनी की जीवन शक्ति और अवसरों को दिखलाया है। जाहिर है कि दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यापारिक सहयोग की बड़ी निहित शक्ति मौजूद है।
भारतीय औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग के सचिव कंठ ने कहा कि भारत के पास बड़ी मात्रा में श्रेष्ठ सॉफ्ट इंजीनियर, युवा जनसंख्या और विशाल बाज़ार है। भारत अधिकाधिक चीनी कंपनियों का स्वागत करता है। चीन और भारत हाथ से हाथ मिलाकर विश्व आर्थिक वृद्धि को मज़बूत करेंगे।
गौरतलब है कि नव निर्मित अनुसंधान और विकास केंद्र के निर्माण में कुल 17 करोड़ अमेरिकी डॉलर की पूंजी लगाई गई, जिसमें 5 हज़ार इंजीनियर एक साथ काम कर सकेंगे। वर्तमान में करीब 2700 सॉफ्ट इंजीनियर इसमें कार्यरत हैं, जिनमें 98 प्रतिशत भारतीय लोग हैं।
(श्याओ थांग)