चीनी विदेश मंत्री वांग ई, रूसी विदेश मंत्री सेरगेई लावरोव और भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 2 फ़रवरी को पेइचिंग में चीन-रूस-भारत तीनों विदेश मंत्रियों की 13वीं भेंट वार्ता की। रूसी व भारतीय मीडिया व विशेषज्ञों के ख्याल से तीनों विदेश मंत्रियों की भेंट से न सिर्फ़ तीन देशों की रणनीतिक समन्वय व्यवस्था में नयी शक्ति डाली गयी, बल्कि बहुध्रुवीय दुनिया व अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के जनतंत्रीकरण को मजबूत करने में भी सक्रिय असर पड़ेगा।
भारतीय वरिष्ठ रणनीतिक विश्लेषक चोपड़ा ने कहा कि चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग द्वारा इस भेंट पर दिये गये ध्यान व समर्थन से इसकी सफलता सुनिश्चित हुई।
रूसी अख़बार कोम्मिएरसांत ने कहा कि यह सम्मेलन जटिल अंतर्राष्ट्रीय स्थिति की पृष्ठभूमि में आयोजित हुआ। अंतर्राष्ट्रीय संकट के समाधान में चीन, भारत व रूस की भूमिका दिन-ब-दिन बढ़ रही है। विश्व समस्या के हल में तीनों पक्षों की आवाज़ चाहिये। तीनों पक्षों की वार्ता सैन्य व राजनीतिक गठबंधन की चर्चा नहीं है, वे केवल साझेदार संबंधों की स्थापना में सहमति प्राप्त करना चाहते हैं।
भारतीय अख़बार द हिन्दू के अनुसार इस बार की भेंटवार्ता से यह जाहिर है कि तीन देश एशिया व यूरोप महाद्वीप तथा एशिया व प्रशांत क्षेत्र में दीर्घकालीन रणनीतिक सहयोग करेंगे।
चंद्रिमा