भारतीय रिजर्व बैंक ने 15 जनवरी को रेपो रेट 0.25% घटाने की घोषणा की, ताकि राजकोषीय घाटे को कम करने में मदद मिले।
आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि पिछले जुलाई से मुद्रास्फीति मध्य स्तर पर रही है, और कच्चे तेल की कीमतों में भी गिरावट दर्ज की गई है। सरकार ने राजकोषीय घाटे को कम करने के लिये भी मजबूत कदम उठाएं हैं। ये सब ब्याज दरों में कटौती करने के मुख्य कारण हैं,साथ ही केंद्रीय बैंक को मौद्रिक नीति के संचालन के लिये बहुत जगह उपलब्ध कराई है।
साथ ही राजन ने कहा कि अगर मुद्रास्फीति की स्थिति व मुद्रास्फीति की उम्मीद वर्तमान स्तर पर कायम रहती है, तो आगे भी ब्याज दरों में और अधिक कटौती की जा सकती है।
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिये केंद्रीय बैंक से ब्याज दरों में और अधिक कटौती की उम्मीद है।
अंजली