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कुङहो काऊंटी का दूसरा जातीय प्राथमिक विद्यालय छिंगहाई प्रांत के हाईनान तिब्बती स्वायत्त प्रिफेक्चर के कुङहो काऊंटी के छापूछा कस्बे में स्थित है। यह एक पूर्णकालिक बोर्डिंग स्कूल यानी आवासीय विद्यालय है। स्कूल में कुल 24 कक्षाएं लगाई जाती हैं। और लगभग एक हजार विद्यार्थी यहां पढ़ाई करते हैं। यहां स्कूल और खेल का मैदान बहुत विशाल है। आधुनिक इमारत और छात्रावास भी बनाए गए हैं। बैठक कक्ष में रखे हुए बहुत सारे पुरस्कार प्रमाण पत्रों से इस स्कूल का विकास और उपलब्धियां प्रतिबिंबित होती हैं।
भीतरी क्षेत्रों के स्कूलों की अपेक्षा यहां पढ़ने वाले विद्यार्थी मुख्य तौर पर आसपास के तिब्बती चरवाहों के परिवारों से आए हैं। इससे स्कूल में तिब्बती वातावरण बहुत स्पष्ट है। स्कूल में बहुत से प्रतीक चिन्ह भी चीनी और तिब्बती दोनों भाषाओं द्वारा लिखे गए है।
10 बजे सभी विद्यार्थी खेल के मैदान में आकर व्यायाम करते हैं। आनन्दमय तिब्बती गीत-संगीत के साथ विद्यार्थी और अध्यापक सामान्य रूप से तिब्बती परंपरागत नृत्य करते हैं। बच्चों को तिब्बती गीत गाने और तिब्बती नृत्य नाचने के लिये प्रोत्साहित करने में स्कूल में हर सप्ताह तीन दिनों में व्यायाम के समय ऐसी गतिविधियों का प्रबंध किया जाता है। यहां तिब्बती जाति के स्वतंत्रता को प्यार करने और जोश भरा स्वभाव खूब दिखाया जाता है।
चाइना रेडियो इन्टरनेशनल से आई इतालवी संवाददाता 28 वर्षीय लुपेई को चीन की अल्पसंख्यक जाति में बहुत रुचि है। वे अपनी आंखों से देखकर तिब्बती जाति के विद्यार्थियों के जीवन को जानना चाहती हैं। तो आज वे कुङहो काऊंटी के दूसरे जातीय प्राथमिक विद्यालय में आयी हैं। विशाल स्कूल, नयी इमारत और साफ़ सुथरा छात्रावास को देखकर लुपेइ आश्चर्यचकित रह गईं। क्योंकि यह उनके अनुमान से जमीन-आसमान का फ़र्क़ है।
भीतरी क्षेत्र के विद्यार्थियों की तरह नौ वर्ष की अनिवार्य शिक्षा पाने के दौरान तिब्बती विद्यार्थियों को भी चीनी, गणित, अंग्रेज़ी, संगीत, व्यायाम, कला आदि कक्षाओं में जाना पड़ता है। एक अंग्रेज़ी कक्षा में लुपेई ने ध्यान से बच्चों के अंग्रेजी उच्चारण सुने, और वे बच्चों को इतालवी भाषा के कई वाक्यों को सिखाना चाहती हैं।
दोपहर के भोजन के समय बच्चे भोजनालय गये। आज के भोजन में मांस और बैंगन, मिर्च और आलू के साथ दूध भी शामिल है। लुपेई छठें वर्ष की दूसरी कक्षा में बैठती हैं। जल्द ही उनके पास बच्चे इकट्ठे होने लगते हैं।
अब दोपहर हो गई है और धूप बहुत तेज़ है। बहुत से बच्चे लुपेई से बात करने के लिये आकर्षित होते हैं। उन्होंने चारों ओर से लुपेई को घेर लिया है। तो लुपेई ने स्कूल से वापस जाने से पहले उपहार के रूप में बच्चों को एक अंग्रेजी गीत सिखाने का फैसला किया।