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जीलुङ पोर्ट की तैयारी का कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है। अगले महीने वह औपचारिक रूप से खोला जाएगा। तिब्बत के जीलुङ कस्टम के प्रधान वांग लुङ ने 24 नवंबर को इस बात की जानकारी दी। जीलुङ पोर्ट की तैयारी का कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है। अगले महीने वह औपचारिक रूप से खोला जाएगा। तिब्बत के जीलुङ कस्टम के प्रधान वांग लुङ ने 24 नवंबर को इस बात की जानकारी दी।
जीलुङ पोर्ट में चीन द्वारा निर्मित नये रेसो पुल का प्रयोग किया जाता है। जो इस पोर्ट का मुख्य रास्ता बन गया है। पोर्ट में आने-जाने वाले लोगों की जांच करने की इमारत का निर्माण भी सितंबर में पूरा हो चुका है। जिसमें कुल 8 करोड़ युआन का खर्च आया है। जीलुङ से रेसो तक 24 किलोमीटर का मार्ग और पोर्ट के बिजली घर की बुनियादी सुविधाओं का निर्माण का काम भी पूरा हो चुका है। इसके अलावा पानी को फिर से उपयोग में लाए जाने वाले उपचार संयंत्र, अंतर्राष्ट्रीय सीमांत बाजार, और रेसो बाँध समेत 15 मुद्दों का निर्माण भी जोर शोर से किया जा रहा है।
गौरतलब है कि जीलुङ पोर्ट नेपाल की राजधानी काठमांडू से 131 किलोमीटर दूर है, जो तिब्बत के इतिहास में नेपाल में सामान की आवाजाही के लिये भूमि पर बने सबसे बड़े पोर्टों में से एक है।
चंद्रिमा
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