बाटिक छपाई, जो कपड़े, पर मोम से चित्र बनाने की तकनीक है, चीन की एक परम्परागत लोक-कला है। यह क्वेचओ प्रान्त की अल्पसंख्यक जातियों के क्षेत्रों में बहुत प्रचलित है। म्याओ और पूई जातियों की महिलाएं ब्लाउजों, स्कर्टों, ओढ़नों, मेज-पोशों और चादरों पर सुन्दर डिजाइन बनाकर उन्हें रंगती हैं।
इसकी तकनीक सरल है और इसके लिए जरूरी माल आसानी से मिल जाता है। सबसे पहले एक सफ़ेद कपड़े पर सूई से डिजाइन बनाई जाती है, पिछले मोम को बांस की खपचियों से डिजाइन पर लगाया जाता है और फिर इस कपड़े को नीले रंग के एक हौज में कई बार भिगोया जाता है। मोम खौलते पानी में पिघल जाता है और कपड़े पर नीले व सफेद रंग की सुन्दर डिजाइन अंकित हो जाती है।
बाटिक छपाई की खास राष्ट्रीय शैली है। इस छपाई के कपड़ों में फूलों, पक्षियों, पक्षियों व जानवरों आदि प्राकृतिक चीज़ों की डिजाइन होती है। कुछ डिजाइन चित्ताकर्षक व एक सी होती हैं और कुछ स्पष्ट व चटकीली। इनसे अल्पसंख्यक जातियों की महिलाओं की कलात्मक प्रतिभा का पता चलता है।
नये चीन की स्थापना के बाद व्यक्तिगत उत्पादन बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं था। जन-सरकार ने अल्पसंख्यक जातियों के क्षेत्रों में रंगाई की वर्कशापों की स्थापना की। शानशुन शहर में एक बाटिक कार-खाना कायम किया गया और बाटिक छपाई की तकनीक उन्नत की गई। आज इस कारखाने के बाटिक छपाई के कपड़ों की देश-विदेश के बाजारों में बिक्री होती है।