भारतीय उप संस्कृति मंत्री रविंद्र सिंह ने 2 सितंबर को विश्वास जताया कि रेशम मार्ग आर्थिक पट्टी और 21वीं सदी के समुद्री रेशम मार्ग का निर्माण आर्थिक, व्यापारिक और सांस्कृतिक समृद्धि बढ़ाएगा।
2 सितंबर को पश्चिमी चीन के शिन च्यांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश की राजधानी उरुमूछी में रविंद्र सिंह ने स्वायत्त प्रदेश के उपाध्यक्ष एर्किन टुनियाज के साथ बातचीत की। एर्किन टुनियाज ने बताया कि भारतीय संस्कृति और शिन च्यांग की संस्कृति में बहुत समानताएं हैं। आशा है कि दोनों देश आदान प्रदान को बढ़ाएंगे।
इस भेंट के बाद रविंद्र सिंह ने समुद्री रेशम मार्ग प्रदर्शनी भी देखी। उन्होंने कहा कि चीन-भारत संबंधों में सांस्कृतिक आदान-प्रदान आर्थिक आवाजाही की तरह महत्वपूर्ण है। अब दोनों देशों को एक नये रेशम मार्ग की स्थापना से विभिन्न संबंधों को मजबूत बनाने की जरूरत है। चीन और भारत पुराने सिल्क रोड का पुनरुत्थान कर आधुनिक और बड़ा महत्व रखने वाले नये सिल्क रोड के निर्माण पर विचार विमर्श कर रहे हैं।
रविंद्र सिंह ने बताया कि अगले वर्ष फरवरी में भारत में समुद्री सिल्क रोड से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे ताकि अधिकाधिक भारतीय चीनी संस्कृति और नये सिल्क रोड के बारे में जान सकें।