तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में लगातार हो रहे आर्थिक और सामाजिक विकास के चलते अधिक से अधिक किसान और चरवाहे जौ उगाने और गाय-भेंड़ पालन के काम से मुक्ति पाकर लचीले तरीके से विभिन्न प्रकार के रोज़गार में हिस्सा ले रहे हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि हुई है।
तिब्बत की सहायता के लिये चीन के भीतरी क्षेत्र में 17 प्रांत और शहर रोज़गार प्रशिक्षण देने, औद्योगिक उत्पादन का अवसर देने और कृषि व पशुपालन उत्पादन में सहयोग करने जैसे तरीकों से तिब्बती किसानों और चरवाहों की मदद कर रहे हैं। इस योजना से अभी तक कई फलदायी उपलब्धियां प्राप्त हुई हैं।
मध्य चीन के हूपेई प्रांत की ह्वाशिन सीमेंट कंपनी की तिब्बती शाखा वर्तमान में तिब्बत की सहायता करने वाली सबसे बड़ी औद्योगिक इकाई है। कंपनी ने तिब्बत में 70 करोड़ युआन का निवेश किया है और स्थानीय किसानों और चरवाहों को अच्छा अवसर प्रदान किया है। वर्तमान में कंपनी के 600 से अधिक कर्मचारियों में से 2 तिहाई तिब्बती जाति के निवासी हैं। हर वर्ष कंपनी में काम करने वाले नए कर्मचारियों के 80 प्रतिशत लोग स्थानीय तिब्बती बंधु ही हैं।
वहीं वर्ष 2007 में स्थापित थ्यानरेई कंपनी मध्य चीन के हूनान प्रांत में स्थित है। इस कंपनी ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के लोका प्रिफेक्चर में अपनी शाखा खोली है, जो मुख्य तौर पर मुर्गी पालन, अंडे और आलू जैसे पठारीय हरित उत्पादन का विकास करती है। वर्ष 2013 में इस कंपनी की व्यापार राशि करीब 10 करोड़ युआन थी। थ्यानरेई तिब्बती कंपनी ने स्थानीय 181 तिब्बती लोगों को रोज़गार का पद दिया और लोका प्रिफेक्चर में मुर्गी पालन और आलू रोपण करने वाले 15000 किसानों के साथ कृषि उत्पाद की खरीदारी के ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
वर्तमान में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में किसानों और चरवाहों के खेती के काम और पशुपालन से व्यवसायिक कार्य करने तक बदला, जिससे उनकी स्थिति लगातर बेहतरी की तरफ़ बढ़ रही है। अधिक से अधिक अतिरिक्त श्रमिक शक्तियों को मुक्ति मिली है। संबंधित आंकड़ों से पता चला है कि वर्ष 2011 से 2013 तक तिब्बत के कृषि और पशुपालन क्षेत्र में 12 लाख 60 हज़ार अतिरिक्त श्रमिक शक्ति ने व्यवसायिक रोज़गार में हिस्सा लिया है, जिनकी आय 5 अरब 61 करोड़ युआन रही।
(श्याओ थांग)