कुछ साल पहले तक तिब्बत की राजधानी ल्हासा में सब्ज़ियों और फलों की सप्लाई दूसरे प्रांतों और शहरों पर निर्भर होने के कारण सब्ज़ियों और फलों की कीमतें ऊंची होती थी। लेकिन इधर के सालों में ज्यादा से ज्यादा स्थानीय किसान सब्ज़ियां और फल उगाकर अच्छा जीवन बिताने लगे। इसके साथ ही वे शहरी नागरिकों के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली चीजें तैयार करते हैं।
ल्हासा शहर की त्वेलोंग देछिंग कांउटी के यांगता जिला स्थित नम्बर 8 गांव में रहने वाले तिब्बती किसान त्सेरिन फिंगत्सो का जीवन भी दिन ब दिन अच्छा हो रहा है। पहले परिवार के पांच सदस्य जौ की खेती पर निर्भर थे, पारिवारिक स्थिति कमजोर थी। लेकिन आज उनके पास सब्जी व फल उगाने के 3 ग्रीन हाउस हैं, जिससे पारिवारिक सालाना आय करीब 50 हज़ार युआन पहुंचती है। त्सेरिन फिंगत्सो ने बताया कि पिछले 30 से अधिक सालों में वे लोग खेती का काम करने पर निर्भर रहते थे, साल में शुद्ध आय सिर्फ़ 1 हज़ार युआन से अधिक थी। लेकिन आज हर ग्रीन हाउस से शुद्ध आय 15 हज़ार होती है, जीवन स्तर बेहतर हो गया है।
यांगता जिले के सरकारी कृषि सेवा केंद्र के उप प्रधान फूछोंग ने कहा कि आर्थिक व सामाजिक विकास और मजबूत शहरीकरण के चलते ल्हासा में सब्ज़ियों और फलों की मांग बढ़ रही है। सब्ज़ियां और फल उगाकर ज्यादा किसानों का जीवन समृद्ध हो गया है।
(श्याओ थांग)