चीनी रनमिन विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय मुद्रा संस्थान ने 20 जुलाई को आरएमबी की अंतर्राष्ट्रीयकरण रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020 से पहले आरएमबी डॉलर और यूरो के बाद तीसरी बड़ी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बनेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक आरएमबी के अंतर्राष्ट्रीयकरण आगे बढ़ाने की मुख्य शक्ति सीमा पार व्यापार समाशोधन और प्रत्यक्ष निवेश हैं। वर्ष 2013 में आरएमबी की सीमा पार व्यापार समाशोधन की राशि 46 खरब 30 अरब युआन पहुंची, जो वर्ष 2012 की तुलना में 57.5 प्रतिशत अधिक है। आरएमबी के प्रत्यक्ष निवेश की राशि भी 5 खरब 33 अरब 74 करोड़ युआन तक पहुंच गई, जो वर्ष 2012 के 1.9 गुना है। वर्तमान में आरएमबी दुनिया में 8वीं भुगतान मुद्रा है।
गौरतलब है कि वर्ष 2013 में आरएमबी की अंतर्राष्ट्रीय सूचकांक में तेज़ी बढ़ोतरी हुई, जो 1.69 दर्ज की गई। इस गति में आगे बढ़ने से वर्ष 2020 से पहले आरएमबी तीसरी बड़ी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बनने की संभावना है।
(दिनेश)