शी चिनफिंग की किताब "चीन की शासन व्यवस्था" के उर्दू संस्करण का विमोचन 14 अप्रैल को आयोजित होगी। इस पुस्तक के पाकिस्तानी अनुवादक और प्रकाशन गृह के डायरेक्टर ने सीआरआई के साथ साक्षात्कार में कहा कि चीन-पाकिस्तान मैत्री बहुत पुरानी है। चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर के निर्माण को आगे बढ़ाने के दौरान चीनी नेता की किताब का पाकिस्तानी बाजार में आने का अहम अर्थ है।
अनुवादक हूमा अनवर ने पाकिस्तान के लोकतांत्रिक प्रकाशन गृह में 5 सालों से ज्यादा समय तक अनुवाद का काम किया। पिछले साल उन्होंने पाकिस्तान के अनुवाद प्रतियोगिता में चैम्पियनशिप भी जीती। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक के पाकिस्तान में प्रकाशित होने का अहम अर्थ है। यह किताब इस क्षेत्र के राजनीतिक जीवन में एक बेल्ट बन सकेगी। किताब का अनुवाद करने से पहले चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बारे में उनकी ज्यादा जानकारियां नहीं थी। लेकिन इस किताब का अनुवाद करने के बाद उनके प्रति नयी समझ आयी है। शी चिनफिंग के भाषणों में उनका गहरा ज्ञान झलकता है। चीन के विकास रास्ते और अंतर्राष्ट्रीय मामलों में चीन की भूमिका पर उनका स्पष्ट विचार है। पाकिस्तान के पाठक इस किताब से शी चिनफिंग की शासन व्यवस्था के बारे में और ज्यादा जानकारी हासिल कर सकेंगे।
पाकिस्तानी अनुवादक और प्रकाशन गृह के डायरेक्टर फारुख सोहेल गोइनडी ने शी चिनफिंग का उच्च मूल्यांकन किया। उन्होंने कहा कि शी चिनफिंग एक महान नेता है। उन्होंने चीन की आधुनिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के साथ-साथ चीन के आर्थिक, वैज्ञानिक व तकनीक विकास को भी प्रेरित किया है। उन्हें विश्वास है कि शी की इस किताब के उर्दू संस्करण के प्रकाशन के बाद पाकिस्तान के आम नागरिकों के दिलों में शी चिनफिंग का रूतबा और बढ़ जाएगा।
(श्याओयांग)