श्रीलंकाई संसद के अध्यक्ष करू जयसूर्या के निमंत्रण पर चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष यू चंगशंग ने 6 से 8 अप्रैल तक श्रीलंका की औपचारिक यात्रा की। उन्होंने राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना, प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे और संसद अध्यक्ष करू जयसूर्या के साथ वार्ता की।
सिरिसेना से मुलाकात के दौरान यू चंगशंग ने कहा कि चीन और श्रीलंका पारंपरिक मित्रवत पड़ोसी देश हैं। दोनों देशों की जनता के बीच आवाजाही का इतिहास बहुत पुराना है। राजनयिक संबंध की स्थापना के बाद से लेकर अब तक चीन और श्रीलंका मूल एवं महत्वपूर्ण हितों वाले मुद्दों पर एक दूसरे का समर्थन करते हैं। द्विपक्षीय आपसी लाभ वाले सहयोग से दोनों देशों की जनता को वास्तविक लाभ मिला है। साल 2014 में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने श्रीलंका की राजकीय यात्रा की और श्रीलंकाई नेता ने चीन का दौरा किया। दोनों देशों के नेताओं ने चीन-श्रीलंका संबंध के विकास के लिए समान रुप से रणनीतिक योजना बनाई। इस वर्ष चीन-श्रीलंका राजनयिक संबंध की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ है। दोनों पक्षों को इसका लाभ उठाते हुए उच्च स्तरीय आवाजाही बरकरार रखते हुए राजनीतिक आपसी विश्वास को गहराना चाहिए। इसके साथ ही विकास की रणनीति जोड़कर साथ-साथ "एक पट्टी एक मार्ग" के निर्माण की जरूरत है। मानविकी आदान-प्रदान मज़बूत करते हुए रणीतिक सहयोग और साझेदार संबंध के लगातार विकास को आगे बढ़ाएंगे।
सिरिसेना ने कहा कि श्रीलंकाई जनता चीन का सम्मान करती है। वर्तमान में द्विपक्षीय संबंध नए चरण में प्रवेश कर चुका है। श्रीलंका एक चीन की नीति का निरंतर पालन करता है और चीन के साथ घनिष्ठ उच्च स्तरीय आवाजाही बरकरार रखने की अपेक्षा है। इसके साथ ही आर्थिक व्यापारिक सहयोग का विस्तार करते हुए अंतरराष्ट्रीय मामलों में समन्वय और एक दूसरे का समर्थन करने को तैयार है।
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