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कठपुलती खेलना लाठी के इस्तेमाल से किया जाता है। कठपुलती के बदन के भीतर खोखला है, इस के आंखें व मुह चल सकते हैं। गले को लाठी से जुड़ा है। खेलने वाले लाठी चलाते हैं। भिन्न भिन्न इलाके में कठपुलती का आकार भी भिन्न भिन्न है। इस की साइज तीन है, बड़ा मझौला और छोटा। भिन्न भिन्न इलाके में इस की साइज भिन्न भिन्न है। चित्र में जो कठपुतली है, वह काष्ठ से बना है। यह एक विदूषक का जैसा है, ईस की दो आंखें बहुत बड़ी हैं, नाक नाटा व विशाल है और मुह भी नाटा है। इस के बदन पर रंग लगाया गया, आंखें चल सकते हैं। हालांकि कठपुतली बहुत सरल है, पर नाटक में यह बहुत लोकप्रिय है।
चीन के बहुत से इलाकों में कठपुतली का खेल प्रचलित है। भिन्न भिन्न इलाकों में कठपुतली के तरीकों व खेलने के शैली में भिन्न भिन्न है। नाम भी अलग अलग है। उत्तर पश्चिमी चीन में इसे लाठी का खेल कहता है, सछ्वान प्रांत में इसे काष्ठ सिर का खेल कहता है, दक्षिण चीन के क्वांगतुंग प्रांत में इसे उठाने का खेल कहता है। नाटक खिलाने की शैली भी अलग है।
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