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भूमि का मरू भूमि में बदल जाना चीन में सब से गंभीर पारिस्थितिकी पर्यावरण संमस्याओं में से एक है , देश की 26 लाख बीस हजार वर्ग किलोमीटर की रेतीली भूमि उस के खेतों के कुल क्षेत्रफल से भी कहीं ज्यादा है , जो चीन के कुल क्षेत्रफल का 27 प्रतिशत बन गई है । वर्तमान में आंशिक क्षेत्रों में भूमि के रेतीलीकरण पर काबू तो पाया गया है , पर हर साल देश में रेत का विस्तार तीन हजार वर्ग किलोमीटर की दर से बढ़ता जा रहा है ।
चीनी राष्ट्रीय वन्य ब्यूरो ने देशव्यापी रेत रोकथाम व रूपांतर योजना को अमल में लाना शुरू किया है , जिस के अनुसार वर्ष 2010 तक देश में रेतीलीकरण के विस्तार पर बुनियादी तौर पर काबू पाया जाएगा और वर्ष 2030 तक पहले दौर में प्राप्त सफलता के आधार पर रेतीली भूमि के कुल क्षेत्रफल को कम किया जाने की कोशिश की जाएगी , वर्ष 2005 तक ऐसी सभी रेतीली भूमि का रूपांतर कर उस की पारिस्थितिकी बदली जाएगी , जिसे तत्कालीन आर्थिक व तकनीकी शक्ति के मुताबिक बदला जा सकता है , तथा अंत में रेतीली क्षेत्रों में अपेक्षाकृत संपूर्ण पारिस्थितिकी व्यवस्था कायम होगी ।
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