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येन ज़ी

प्राचीन चीन के सब से मशहूर ऐतिहासिक ग्रंथ ' शी जी ' में लेखक शी मा छ्येन ने एक साहसी व बुद्धिमान राजनयिक दूत की कहानी लिखी थी, वह राजनयिक दूत था ईसापूर्व 6 शताब्दी के छी राज्य का येन ज़ी । येन ज़ी की कहानी चीन में बहुत लोकप्रिय है। यह कहानी इस प्रकार है :

एक बार येन ज़ी छ्वू राज्य में गया। छ्वू के राजा को जब पता चला कि येन ज़ी अत्यन्त छोटे कद वाला आदमी है, तो राजा ने उस से मज़ाक़ करना चाहा।उस ने शहर की दीवार के द्वार के पास एक छोटा सा द्वार बनवाया द्वार खोलाया और येन ज़ी को इस छोटे द्वार से अंदर आने को कहा।

येन ज़ी ने जान लिया था कि छ्वू का राजा उस के साथ मजाक कर रहा है, इसलिए, येन जी ने छोटे द्वार से अंदर जाने से इंकार कर दिया। उस ने कहा, यह द्वार तो कुत्ते के लिए है इस से मैं अंदर नहीं जाऊंगा।

येन ज़ी के स्वागत के लिए छ्वू राज्य के अधिकारियों ने विवश होकर येन ज़ी से बड़े द्वार से ही अंदर आने के लिए कहा। छ्वू राजा से मुलाकात के समय छ्वू राजा ने जानबूझकर पूछा, शायद छी राज्य में कोई भी अन्य आदमी नहीं हैं, इसलिए, तुम्हें हमारे यहां भेजा गया है।

तो येन ज़ी ने जवाब दिया, " छी राज्य में अनेक लोग हैं, केवल राजधानी में सौ सड़कें हैं। यदि लोग अपने हाथों को ऊपर उठाएं, तो आप सूर्य तक को भी नहीं देख पाऐंगे। यदि लोगों का पसीना लगे, तो मानो आकाश में वर्षा आ जाएगी। सड़कों पर बहुत भीड़ दिखायी देती है । क्यों आप ने कहा कि छी राज्य में आदमी नहीं हैं ? "

इस पर छ्वू के राजा ने पूछा, तो क्यों तुम्हें हमारे यहां भेजा गया है ?

येन ज़ी ने शांति से जवाब दिया, हमारे छी राज्य में दूत भेजने में अनेक नियमों का पालन होता है। हम बुद्धिमान व सुयोग्य लोगों को महान राज्यों में को भेजते हैं, जबकि बेवकूफ़ लोगों को कमजोर राज्यों में भेजते हैं। मैं तो छी राज्य के अधिकारियों में सब से बेवकूफ़ आदमी हूं, इसलिए, मुझे यहां भेजा गया है। येन ज़ी की बातें सुनकर छ्वू राज्य के सब अधिकारी चुप रहे।

इस के बाद येन ज़ी को एक बार फिर जाने का अवसर मिला। छ्वू के राजा को जब यह सूचना मिली कि येन ज़ी छ्वू आएगा, तो उस ने अपने सरकारी अधिकारियों से कहा, येन ज़ी छी राज्य में सब से सुयोग्य व्यक्ति है। अब वह हमारे राज्य में आने वाला है। मैं उस से मज़ाक़ करना चाहता हूं। क्या तुम लोग मुझे एक अच्छा उपाय बता सकेंगे ?

तो एक सरकारी अधिकारी ने सुझाव दिया, जब येन ज़ी यहां पर होगा, तो मैं दो सैनिकों को एक व्यक्ति को बांधकर आप के सामने से गुजरने का आदेश दूंगा। आप सैनिकों से पूछेंगे कि यह कौन है। तो सैनिक जवाब देगा कि छी राज्य का निवासी है। तो आप फिर सैनिक से पूछेंगे कि क्यों इस आदमी को बांधा है, तो सैनिक जवाब देगा कि क्योंकि यह एक चोर है। छ्वू के राजा ने इसे अच्छा सुझाव मानकर स्वीकार कर लिया।

जब येन ज़ी छ्वू राज्य आया, तो छ्वू के राजा ने भव्य रुप से उस का स्वागत किया और उसे भोज भी दिया। जब वे शराब पी रहे थे, दो सैनिक एक बंधे हुए लेकर राजा के सामने से गुजरे छ्वू के राजा ने पूछा, तुम ने क्यों उसे बांधा हैं ?

तो सैनिक ने जवाब दिया, वह एक चोर है, और छी राज्य का निवासी है।

तो छ्वू के राजा ने जानबूझकर येन ज़ी से पूछा, क्या छी राज्य के लोग जन्म से ही चोर होते हैं ? 

तो येन ज़ी अपनी कुर्सी से उठकर खड़े हो गये और संजीदगी से जवाब दिया, मैने सुना है कि एक ऐसा पेड़ है, जब वह छी राज्य में उगता है, तो बहुत स्वादिष्ट फल देता है, लेकिन, वही पेड़ जब छ्वू राज्य में उगता है, तो हालांकि देखने में कोई फर्क नहीं है, फिर भी उस के फल बहुत कड़वे होते हैं, ऐसा क्यों होता है ? कारण सरल है कि दोनों जगतों का वातावरण अलग अलग है। जब यह आदमी छी राज्य में रहता था, तो चोर नहीं था, लेकिन, जैसे ही यह छ्वू राज्य में आया, तो चोर बन गया।

येन ज़ी की बातें सुनकर छ्वू के राजा ने हंसी में कहा, पहले मैं ने तुम्हारा मज़ाक़ बनाना चाहा, लेकिन, तुम ने मेरा मज़ाक़ बना दिया। अब मैं तुम्हारा सम्मान करता हूं।

इसी तरह की अनेक कहानियां प्रचलित हैं। येन ज़ी ने अपनी बुद्धिमत्ता से कई राज्यों द्वारा छी राज्य का और अपनी प्रतिष्ठा का अपमान करने वाली कुचेष्टाओं को नष्ट किया। इस तरह येन ज़ी का नाम चीन में प्रसिद्ध हो गया। येन ज़ी एक मशहूर राजनीतिज्ञ के रुप में भी जाना जाने लगा।  

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