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चीन का थाईवान द्वीप प्राचीन काल में ई चाओ , ल्योछो , तुंगफान तथा ताय्वान कहलाता था। कालांतर में इस सुन्दर और समृद्ध द्वीप को उस की विशेषता के अनुरूप अनेक अच्छे अच्छे नाम प्रदान कर संबोधित किया जाता है ,जिन में अमोल टापू , चीनी क्राबापिए द्वीप (जंगली सेब वाला द्वीप ) , वसंत द्वाप , तितली टापू , मूंगी द्वीप एवं मिट्ठा टापू ( द्वीप में नालियर की खूब खेती के कारण यह नाम मिला ) शामिल हैं । यूरोपीय उपनिवेशवादियों ने कभी थाईवान को फोमोसा कह कर पुकारते थे , फोमोसा का अर्थ है सुन्दर द्वीप । इन के अलावा इसे मछुवा द्वीप भी कह जाता था ।
थाईवान का नाम सुन्दर है और वहां के विभिन्न स्थानों के नाम भी रूचिकर है । किसी ने द्वीप के कुछ स्थानों के नामों पर दो कविताएं बनायी हैं, उन में से एक यो हैः
हरित टापू रोशनीदार पहाड़ के साथ ,
पुष्प क्वारी में सौंदर्य लाजवाब ।
फुदकी के गीत में प्यार का दरिया ,
स्वच्छ जल वाला सुर्य चांद का तालाब।
इस कविता में थाईवान के आठ स्थानों के नाम शामिल है ,वे हैः ल्यु थाओ ( हरित टापू ), यांगमिन शान ( रोशनीदार पहाड़ ) , ह्वाथान ( पुष्प क्वारी ) , च्येनमे ( सुन्दर दृश्य ) , श्यु श्वी ( स्वच्छ पानी ), रीय्येथान (सुर्य चांद झील ) , यङगए ( फुदकी का गाना ) तथा एह ( प्यार की नदी ) , ये आठ स्थान थाईवान द्वीप के आठ रमणीक स्थल और प्राकृतिक सौंदर्य हैं ।
दूसरी कविता इस प्रकार हैः
सुगंधित पहाड़ पर बाईबरी का फल ,
स्वच्छ पानी में कमल का फुल ,
हरित गांव में सुखद जाड़े का अनन्त आनंद ।
खुशबू उद्यान में हरा भरा वन्य ,
खूबसूरत बगीचे में चीनी गुलाब का फुल ,
नीले टापू में वसंत ऋतु का मधुर बोध ।
इस कविता में 14 स्थानों के नाम निहित है , जिन के सौंदर्य कविता से पर्याप्त प्रतिबिंबित हैं ।
देखो , चीन का यह सुन्दर द्वीप सचमुच आकर्षक और मनोहर है ना ।
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