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च्याय्युक्वान दर्रा
2013-08-28 17:59:49

चीन के मशहूर पर्यटन स्थलों में लम्बी दीवार देश विदेशी पर्यटकों के के लिए सबसे अधिक आकर्षक है। दर्रे, दीवारें और अग्नि चौकियां लम्बी दीवार की प्रतिरक्षा प्रणाली के तीन प्रमुख भाग हैं।

च्याय्युक्वान दर्रा लम्बी दीवार के सभी दर्रों में सबसे बड़ा है। वह लम्बी दीवार में अभी तक सबसे अच्छी तरह सुरक्षित रखा गया दर्रा है, जो पहाड़ की तलहटी व नदी के किनारे पर खड़ा है। वह दक्षिण से उत्तर तक लगभग 15 किमी. चौड़ी घाटी क्षेत्र में रक्षा के काम आता था। घाटी के दक्षिणी भाग में थाओ लेई नदी की घाटी दर्रे के लिए प्राकृतिक प्रहरी का काम करती है। च्याय्युक्वान दर्रे के निकट अग्नि चौकियों व प्रहरी मंचों का जाल सा बिछा था। च्याय्युक्वान दर्रे के पूर्वी, पश्चिमी, दक्षिणी, उत्तरी व उत्तर पूर्वी विभिन्न दिशाओं में कुल 66 ऐसे मंच मिलते हैं। च्याय्युक्वान दर्रा अनुकूल प्राकृतिक स्थिति से लेकर प्रहार या रक्षा दोनों तरह के काम में आ सकता था। उसके आसपास की लम्बी दीवार, परकोटे, खाई व अग्नि सूचना चबूतरे आदि की मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली बन गयी थी। इसलिए इसे"दुनिया में पहले अभेद्य दर्रे"का नाम भी दिया गया।

कानसू प्रांत के उत्तर पश्चिम में स्थित च्याय्युक्वान दर्रा कानसू प्रांत की राजधानी लानचो से 776 किमी दूर है। च्याय्युक्वान दर्रा मिंग राजवंश की लम्बी दीवार के पश्चिमी छोर का पहला अहम दर्रा है और प्राचीन काल में"रेशम मार्ग"का प्रमुख यातायात पड़ाव भी था। मिंग राजवंश की लम्बी दीवार पश्चिम में यहां से शुरू होती थी, इसका निर्माण सन् 1372 में शुरू हुआ था। लगातार 168 सालों के निर्माण के बाद वह लम्बी दीवार का सबसे शानदार दर्रा बना। 1987 में इसे यूनेस्को की विश्व सांस्कृतिक विरासतों की सूची में शामिल किया गया।

च्याय्युक्वान दर्रा भीतरी शहर, बाहरी शहर और दीवार आदि भागों से बना हुआ है। भीतरी शहर में जनरल भवन, कुआं मंडप व सम्राट क्वान ती का मंदिर आदि इमारतें हैं। प्राचीन काल में इतनी महान लम्बी दीवार का निर्माण करना आसान बात नहीं है। इससे एक कहानी लोगों की जबान पर रही है। कहा जाता था कि मिंग राजवंश में जब लोग लम्बी दीवार के च्याय्युक्वान दर्रे का निर्माण कर रहे थे, ई खेईजैन नामक एक कलाकार ने ठीक तरह से ईंटों की संख्या तय की। उनके अनुसार दर्रे के निर्माण के लिए कुल 99999 ईंटों की ज़रूरत थीं। निर्माण परियोजना की निगरानी करने वाले एक अधिकारी ने ई खेईजैन से कहा, यदि बाद में एक ईंट बाकी रही, तो वे ई खेईजैन को मौत की सज़ा देंगे और सभी मज़दूरों के वेतन को कम करेंगे। जब निर्माण पूरा हुआ तो एक ईंट बाकी थी। ई खेईजैन ने इसे पश्चिम बाह्य प्राचीर के ऊपर रखा। जब अधिकारी को पता चला, तो उन्हें बहुत खुशी हुई। लेकिन ई खेईजैन ने कहा, यह ईंट देवता द्वारा दी गयी ईंट है। यदि मैं इसे टालता, तो पूरा दर्रा ठह जाएगा। यह बात सुनकर अधिकारी कुछ न कह सके। इसके बाद यह ईंट वहीं रखी रही। देश विदेश के पर्यटक च्याय्युक्वान दर्रा की यात्रा करते समय ज़रूर यहां आकर अंतिम ईंट देखते हैं।

च्याय्युक्वान दर्रे के संरक्षण के लिए चीन ने 2011 के अंत से 2.03 करोड़ युआन खर्च कर दर्रे की मरम्मत की। तीन सालों की मरम्मत परियोजना में गेट टॉवर व दीवारों की मरम्मत, रंगीन चित्र को पुनः रंग लगाना आदि शामिल हैं।

चीन के इतिहास में यहां लम्बे समय तक केवल दर्रा मौजूद था, जबकि शहर नहीं था। 1965 में यहां औपचारिक रूप से च्याय्युक्वान शहर का निर्माण किया गया। चूंकि उत्तर पश्चिम चीन में सबसे बड़ी इस्पात संयुक्त कारोबार च्योछ्वैन इस्पात कंपनी च्याय्युक्वान शहर में स्थित है, इसलिए इसे गोबी इस्पात शहर से विश्वविख्यात है।

रेशम मार्ग के स्वर्ण भाग में स्थित च्याय्युक्वान शहर का प्रचुर पर्यटन संसाधन है। हान व मिंग राजवंश की महान लम्बी दीवार के अलावा, लम्बी दीवार संग्रहालय, हिमनदी और मशहूर वेई व जिन राजवंश के भूमिगत चित्र गैलरी आदि अनेक प्राकृतिक व सांस्कृतिक दृश्य भी उपलब्ध हैं। केवल वर्ष 2013 के पहले कुछ महीनों में च्याय्युक्वान ने कुल 11.2 लाख पर्यटकों का सत्कार किया, जो पिछले साल की तुलना में करीब 30 प्रतिशत अधिक है।

लम्बी दीवार का बड़ा सामरिक महत्व होता था, जो विश्व के प्राचीन इतिहास में सबसे महान सैन्य रक्षा परियोजनाओं में से एक थी। उसने अपने रास्ते में आए दर्रों, सैन्य किलों, सीमांत शहरों और सामरिक नगरों को एक सूत्र में जोड़कर एक अभेद्य नेटवर्क बनाया था और अखंड प्रतिरक्षा प्रणाली की स्थापना भी की थी। तत्कालीन युद्धक सेनाओं और लड़ाई के कौशल व तकनीकों की वास्तविक स्थिति में इस तरह की सैन्य प्रतिरक्षा प्रणाली कारगर सिद्ध हुई थी। वह सामरिक निवारण देने की भूमिका अदा कर सकती थी और उत्तरी सीमांत क्षेत्र में शांति की रक्षा करने में भी काम आती थी।

बीते 2000 से ज़्यादा सालों के इतिहास में चीन के शासकों ने लम्बी दीवार के सहारे कई बार उत्तर के खानाबदोश जातियों के हमलों को रोका और सामंती समाज के कृषि अर्थव्यवस्था के अस्तित्व व विकास के लिए अपेक्षाकृत सुस्थिर उत्पादन वातावरण तैयार किया था। जिससे जन जीवन और स्थिर तथा शांतिपूर्ण हुआ था।

जातीय आर्थिक व्यापार पर लम्बी दीवार का भी कुछ न कुछ असर पड़ा था। लम्बी दीवार ने रेशम मार्ग की सुरक्षा सुनिश्चित की थी। वह चीन व पश्चिम की संस्कृतियों को जोड़ने वाला पुल था, विभिन्न जातियों के बीच व्यापारिक व सांस्कृतिक आवाजाही का मोर्चा था और एकीकृत बहुजातीय देश में एकजुटता कायम करने वाली कड़ी भी थी।

लम्बी दीवार के प्राचीन सैन्य प्रतिरक्षा संरचना का इतिहास खत्म हो गया है। आज लम्बी दीवार विश्वविख्यात पर्यटन स्थल बन गयी है। वह अपने आकर्षण से लाखों पर्यटकों को बरबस अपनी ओर खींच लेती है और चीनी जनता व विश्व के विभिन्न देशों की जनता के बीच मैत्री कायम करने का सेतु बनी है। अपनी महानता, विशालता और शानशौकत से लम्बी दीवार अनगिनत लोगों को मोहित कर लेती है और लोगों की प्रशंसा मिलती है!

कार्यक्रम के अंत में हम दो सवाल पूछेंगे। सवाल है, क्या च्याय्युक्वान दर्रा है या अग्नि चौकी? च्याय्युक्वान दर्रा कानसू प्रांत के किस दिशा में स्थित है ? सवाल एक बार फिर सुनें। सवाल है, क्या च्याय्युक्वान दर्रा है या अग्नि चौकी? च्याय्युक्वान दर्रा कानसू प्रांत के किस दिशा में स्थित है ?


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