पिछले काफी लम्बे समय से चीनी लोग खाने, पहनने और रहने जैसे हर क्षेत्र में किफायत करने के आदी थे, जब भी वे कुछ थोड़े बहुत पैसे बचाते, तो उसे बैंकों में जमा कर देते । लेकिन आज का चीन उपभोक्ता के युग में प्रवेश कर गया है और लोगों की उपभोक्ता धारणा में भी धीरे-धीरे बदलाव आ रहा है । अब हर नागरिक अपने समुचित उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरुक हो रहा है, सरकार भी अंदरुनी मांग को बढाने के लिये प्रोत्साहन दे रही है । पर्वोत्सव के उपलक्ष्य में विभिन्न बड़े-बड़े डिपार्टमेंट स्टोरों में क्रय-विक्रय जोरों पर होता है और ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है। अब चीनी लोग फेशनेबुल परिधान, घरेलु विद्युत उपकरण, कार और मकान व विदेश यात्रा करने में ज्यादा कंजूसी नहीं करते । विशेषकर युवा पीढ़ी,पैसे खर्च करने में कोई परवाह नहीं करती, यहां तक कि ऐसे जवान लोग भी हैं जो अपना सारा वेतन, महीने भर में ही सब का सब खर्च कर देते हैं । निस्संदेह अधिकांश नागरिक इस प्रकार की उपभोक्ता की धारणा से राजी नहीं हैं ।