22 सैन्य कथा--छांग फिंग का युद्ध

2018-02-20 21:31:01 CRI

22 सैन्य कथा--छांग फिंग का युद्ध

छांग फिंग का युद्ध  长平之战

सैन्य कहानी“छांग फिंग का युद्ध”को चीनी भाषा में“छांग फिंग च चान”(cháng píng zhī zhàn) कहा जाता है। इसमें“छांग फिंग”जगह का नाम है, जो पश्चिमोत्तर चीन में राजधानी थाई युआन वाले शानशी प्रांत के चिन छंग शहर में है। तीसरा शब्द“च”का अर्थ है का, जबकि चौथा शब्द“चान”का अर्थ है युद्ध, लड़ाई या लड़ना।

ईसा पूर्व चौथी शताब्दी यानी युद्धरत राज्य काल में चीन की भूमि पर कई राज्य अस्तित्व में आए, जो आपस में युद्ध लड़ते थे। इसी दौरान छिन राज्य ने राजनीतिक सुधार कर अपनी शक्ति अत्याधिक बढ़ा दी थी। राजा छिन चाओवांग (qín zhāo wáng) के शासन काल में छिन प्राचीन चीन की भूमि पर स्थापित सात प्रमुख राज्यों में से सबसे शक्तिशाली और समृद्ध हो गया और उसने देश का एकीकरण करने का अभियान चलाया। इस दौरान कई मशहूर युद्ध हुए, जिनमें छांग फिंग का युद्ध काफ़ी प्रसिद्ध था।

यहां बता दें कि ये सात प्रमुख राज्य छी राज्य, छू राज्य, यान राज्य, हान राज्य, चाओ राज्य, वेइ राज्य और छीन राज्य थे।

छिन राज्य के पड़ोसी राज्य हान, वेइ, यान और चाओ ने छिन राज्य की विस्तार नीति को विफल करने के लिए गठबंधन कायम किया। चारों राज्यों में से चाओ राज्य सबसे सशक्त था और वेइ सबसे कमजोर था।

ईसा पूर्व वर्ष 268 में छिन राज्य ने वेइ राज्य पर हमले के लिए सेना भेजी और उसे अपना अधीनस्थ राज्य बनाया। इसके बाद उसने हान राज्य पर धावा बोलने सेना भेजी। हान राज्य का राजा बहुत भयभीत हो गया और उसने छिन राज्य को अपने देश का शांग तांग (shàng dǎng) शहर भेंट करने का निश्चय किया। लेकिन हान राज्य के शांग तांग शहर का महापौर फ़ंग थिंग (féng tíng) अपने शहर को छिन राज्य को भेंट नहीं करना चाहता था। उसने शहर को चाओ राज्य को भेंट कर हान और चाओ के बीच छिन राज्य के आक्रमण का मुकाबला करने का गठबंधन करवाया।

चाओ राज्य का राजा दूरदर्शी नहीं था। उसने एक शहर के लालच में अंतिम परिणाम के बारे में नहीं सोचा और शांग तांग शहर को अपनी सीमा में शामिल किया। उसकी इस हरकत से छिन राज्य बहुत क्रोधित हो उठा। ईसा पूर्व 261 में, छिन राज्य के राजा ने सेनापति वांग ह (wáng hé) को सेना के साथ शांग तांग शहर पर चढ़ाई करने भेजा।

शांग तांग में तैनात चाओ राज्य की सेना हार कर छांग फिंग नामक स्थान तक हट गई। छिन राज्य की सेना को रोकने के लिए चाओ राजा ने अपने वृद्ध सेनापति ल्यान फो (lián pō) को छांग फिंग में चाओ सेना का नेतृत्व करने भेजा।

चाओ सेना की मुख्य टुकड़ी ने छांग फिंग पर छिन राज्य की सेना के साथ कई बार युद्ध किये, लेकिन वह विजयी नहीं हुई और काफ़ी नुकसान भी हुआ। वस्तुगत स्थिति पर गौर कर चाओ सेना के सेनापति ल्यान फो ने अपनी अच्छी भू स्थिति के सहारे मजबूत मोर्चा बनाकर छिन राज्य की सेना के हमले को रोकने की प्रतिरक्षा नीति तैयार की। यह रणनीति रंग लायी, छिन राज्य की सेना के हमलों को वहीं रोका गया और दोनों सेनाओं के बीच लम्बे समय तक बराबर की स्थिति बनी रही।

22 सैन्य कथा--छांग फिंग का युद्ध

छांग फिंग का युद्ध  长平之战

युद्ध के इस प्रकार के गतिरोध को भंग करने के लिए छिन राज्य ने चाओ राज्य के शासक वर्ग में फूट डालने की चाल चली। उसने चाओ राजा के नज़दीकी मंत्री को धन-दौलत से खरीद लिया, जिसने चाओ राजा और सेनापति ल्यान फो के संबंधों को बिगाड़ने की कोशिश में यह अफ़वाह फैलाई कि ल्यान फो छिन राज्य की सेना को आत्मसमर्पण के लिए उस पर हमला नहीं करना चाहता। छिन राज्य की सेना सबसे ज्यादा चाओ राज्य के सेनापति चाओ खुओ (zhào kuò) से डरती है।

युद्ध की स्थिति से अज्ञात चाओ राजा को लगा कि ल्यान फो डर के मारे दुश्मन पर हमला नहीं करता है, इसलिए उसने उसे पद से हटा कर चाओ खुओ को सेनापति नियुक्त किया ।

वास्तव में चाओ खुओ ने कभी युद्ध में भाग नहीं लिया था। उसे असली युद्ध के बारे में कोई अनुभव भी नहीं था, पर वह युद्ध कला पर खोखली बातें बहुत पसंद करता था। छांग फिंग नाम के स्थल तक पहुंच कर उसने ल्यान फो की प्रतिरक्षा की रणनीति छोड़ कर दुश्मन पर दल बल से धावा बोलने और अंतिम जीत हार तय करने की रणनीति अपनायी।

इस तरह छिन राज्य चाओ राज्य की सेना में फूट का बीज डालने में सफल हुआ। उसने वांग ह (wáng hé) की जगह अपने अनुभवी और वीर जनरल पाई छी (bái qǐ) को सेनापति नियुक्त किया और इस बदलाव को चाओ राज्य की सेना के प्रति गोपनीय भी रखा, ताकि चाओ राज्य की सेना चेत न जाए।

चाओ सेना के सेनापति चाओ खुओ की युद्ध का अनुभव न होने और खुद पर घमंड होने की कमजोरी से लाभ उठाकर छिन राज्य के सेनापति पाई छी ने दुश्मन को भ्रम में डालकर उसे घेरने की नीति लागू की।

ईसा पूर्व वर्ष 260 में चाओ खुओ ने अपनी सेना को छिन राज्य की सेना पर बड़ा हमला बोलने का आदेश दिया। दोनों सेनाओं में कुछ समय युद्ध चलने के बाद छिन सेना हार का बहाना कर पीछे हटने लगी। चाओ खुओ ने स्थिति की असलियत का जायजा न कर तुरंत छिन राज्य की सेना का पीछा करने का निश्चय किया। इस तरह चाओ राज्य की सेना छिन राज्य की सेना द्वारा पूर्व योजना के अनुसार बिछाए गए जाल में फंस गयी। उसे छिन राज्य की सेना की मुख्य टुकड़ी का जमकर मुकाबले का सामना करना पड़ा। इसी बीच बगल में घात लगाकर बैठी छिन राज्य की सेना की टुकड़ियों ने दोनों तरफ़ से चाओ सेना को टुकड़ों में विभाजित कर दिया और एक-एक को घेर लिया।

कड़ी घेराबंदी में फंसे चाओ खुओ ने खुद चाओ राज्य की सेना की मजबूत टुकड़ी का नेतृत्व कर घेराबंदी तोड़ने की अंतिम कोशिश की, किन्तु छिन राज्य की सेना के तीरों की अंधाधुंध वर्षा में वह खुद मारा गया। सेनापति के मरने पर चाओ राज्य की सेना का हौसला पस्त हो गया और सभी ने आत्मसमर्पण किया। इस तरह छिन राज्य की सेना ने छांग फिंग पर हुए घमासान युद्ध में अंतिम विजय पायी।

छांग फिंग का युद्ध चीन के युद्ध इतिहास में दुश्मन को घेराबंदी में डाल कर खत्म करने की एक शानदार प्राचीन मिसाल है।

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