चिन शैनशैन ने बचपन से ही भारतीय शास्त्रीय नृत्य सीखना शुरू कर दिया था। शास्त्रीयनृत्य के प्रति गहरी रूचि होने के नाते वे क्रमशः 5 बार अपने खर्चे पर भारतीय शास्त्रीय नृत्य सीखने के लिए भारत गयी। चिन शैनशैन ने भारतीय नृत्य को और ज़्यादा चीनियों को सिखाने का संकल्प लिया हैं। 2005 में उन्होंने पेइचिंग में एक य्वेईवू फोस्वो कला केंद्र खोला और भरतनाट्यम नृत्य के प्रति रूचि रखने वाले चीनी युवा व बच्चों को नृत्य सिखाती हैं। चिन शैनशैन के अनुसार,
शुरू में चीनी लोगों को भारतीय शास्त्रीय नृत्य के बारे में कम समझ थी। अनेक लोगों कोबॉलीवुडडांस पसंद हैं। इसलिए कुछ छात्राएं आने के बाद फिर चली जाती थी। लेकिन कई सालों के प्रयास के बाद लोगों ने धीरे धीरे भारतीय शास्त्रीय नृत्य को स्वीकारा। अब मेरे स्कूल में ज़्यादा छात्राएं हैं और छात्रों की संख्या 100 से अधिक हैं।
चिन शैनशैन की छात्राओं में 3 से 4 साल की उम्र की छोटी बच्चियां भी हैं। युवा चीनी लड़कियोंके अलावा भारतीय भी हैं। उनकी प्रिय बेटी वू चिनशी भी उनकी छात्रा है। अपनी प्यारी बेटी की चर्चा में चिन शैनशैन ने कहा,
उसे बचपन से ही नाचना का शौक था। मेरी चीनी अध्यापिका चांग च्वन ने एक भारतनाट्यम नृत्य की कक्षा खोली और मैं अपनी क्लास में मॉडल डांसर थी। उस समय मेरी कोख में मेरी बेटी थी। इसलिए यह भी कह सकती हूं कि मेरी बेटी ने उस समय से ही भारतीय नृत्य सीखना शुरू कर दिया था।