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    संडे की मस्ती 2017-05-21
    2017-05-21 19:12:10 cri

    अखिल- चलिए, दोस्तों, अभी हम चलते हैं अजीबोगरीब और चटपटी बातों की तरफ।

    (Music)

    अखिल- चलिए, अजीबोगरीब बातों के इस सेगमेंट में मैं आपको बताता हूं कि सड़क पर आसमान से बरसने लगी आग

    दोस्तों, चीन के शेनयांग शहर में दिल दहलाने वाली घटना घटी। यह पूरा घटना कैमरे में कैद हो गई, जो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। कई बार सुना है कि आसमानी बिजली गिरने से लोगों की मौत हो गई। शिनयांग शहर में भी आसमानी बिजली गिरने की ही घटना हुई। गनीमत रही कि इस प्राकृतिक हादसे में किसी तरह के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। 8 सेकेंड का यह वीडियो शेनयांग शहर के डैशबोर्ड कैमरे में कैद हुआ।

    वीडियो में दिख रहा है कि शहर के व्यस्त सड़क पर सामान्य दिनों की तरह गाडिय़ां गुजर रही थीं। तभी वहां क्षण भर के लिए अंधेरा हो गया। इसके बाद आसमानी बिजली सड़क पर गिरने लगी। देखकर ऐसा लगता है जैसे आसमान से आग की बारिश हो रही है। आसमानी बिजली सड़क के जिस हिस्से में आकर गिरी उस वक्त वहां कोई भी गाड़ी या इंसान नहीं था, जिसके चलते किसी भी तरह के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ।

    सपना- चलिए दोस्तों, अजीबोगरीब और चटपटी बातों के इस क्रम में मैं आपको बताती हूं कि 3 साल का बेटा अपने डरपोक पिता को दे रहा हौंसला

    दोस्तों, चीन में कांच के एक स्काईवॉक पर एक डरे पिता और उसके छोटे लेकिन उत्साही बेटे का वीडियो खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में पिता और बेटे को जमीन से ऊपर बने कांच के स्काईवॉक पर हैं। बेटा इस अडवेंचर को लेकर काफी उत्सुक है लेकिन उसका पिता बुरी तरह डरा हुआ है। बच्चा अपने पिता से खूब जिद कर रहा है कि वह भी कांच से बने रास्ते पर चले लेकिन पिता बैठे-बैठे ही इंच-इंच आगे बढ़ रहा है। इस विडियो में कुछ लोगों के हंसने की आवाजें आ रही हैं। यह विडियो चीन के वानशेन नैशनल पार्क का है जहां 213 फीट लंबा यह स्काईवॉक जमीन से 300 फीट की ऊंचाई पर बना हुआ है।

    अखिल- चलिए दोस्तों, अजीबोगरीब बातों के इस क्रम को आगे जारी रखते हुए बताता हूं कि माऊंट एवरेस्ट से गंदगी हटाएगा चीन

    दोस्तों, चीन ने पहली बार शिविरों में पर्वतारोहियों द्वारा छोड़े गए कचरे और मलबे को हटाने के लिए माऊंट एवरेस्ट के ऊंचे क्षेत्र में एक बड़ा सफाई अभियान चलाया है। तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र ने दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत पर 9 दिवसीय सफाई अभियान चलाया है जो 6 मई से शुरू हो गया है। ये शिविर 8,848 मीटर ऊंचे माऊंट एवरेस्ट के उत्तर की ओर 5,200 मीटर और 6,500 मीटर के बीच हैं।

    तिब्बत खेल प्रशासन की उप निदेशक निइमा सेरिंग ने कहा कि ऊंचे पर्वतों पर मानवीय गतिविधियों ने ''संसार की छत'' पर अस्वीकार्य स्तर तक कचरा छोड़ दिया है। ''संसार की छत'' एशिया क्षेत्र के पर्वतीय इलाके को कहते है जैसे कि पामीर पर्वतमाला, हिमालय,तिब्बत और माऊंट एवरेस्ट।

    चीन की सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ ने कहा कि चीन और विदेशी स्वयंसेवकों वाले आधिकारिक दल ने पहले 5 दिनों में चार टन कचरा एकत्रित किया। उन्होंने कहा कि तिब्बत सरकार ने शिविर वाले इलाकों में छंटाई, पुनर्चक्रण और अपघटन स्टेशन लगाने की योजना बनाई है। हर साल करीब 60,000 लोग माऊंट एवरेस्ट के उत्तरी भाग की यात्रा करते हैं। वे वहां पर कैन, प्लास्टिक बैग, स्टोव उपकरण, बेकार टेंट, ऑक्सीजन टैंक और पर्वतारोहण सामान छोड़ जाते हैं।

    सपना- चलिए दोस्तों, अजीबोगरीब और चटपटी बातों का यह सेगमेंट यहीं समाप्त होता है, चलिए... अभी हम सुनते हैं यह हिन्दी गाना...उसके बाद हम आपको ले चलेंगे मनोरंजन के दूसरे सेगमेंट की तरफ

    (Hindi Song)

    अखिल- दोस्तों, आपका एक बार फिर स्वागत है हमारे इस मजेदार कार्यक्रम संडे की मस्ती में... मैं हूं आपका दोस्त एन होस्ट अखिल पाराशर।

    सपना- और मैं हूं आपकी दोस्त सपना....

    (Music)

    सपना- चलिए दोस्तों, अभी हम अखिल जी से सुनते हैं एक प्रेरक कहानी। कहानी का शीर्षक है एक रूपये की कीमत

    (Music)

    अखिल- दोस्तों, बहुत समय पहले की बात है, सुब्रोतो लगभग 20 साल का एक लड़का था और कलकत्ता की एक कॉलोनी में रहता था। उसके पिताजी एक भट्टी चलाते थे जिसमे वे दूध को पका-पका कर खोया बनाने का काम करते थे। सुब्रोतो वैसे तो एक अच्छा लड़का था लेकिन उसमे फिजूलखर्ची की एक बुरी आदत थी। वो अक्सर पिताजी से पैसा माँगा करता और उसे खाने-पीने या सिनेमा देखने में खर्च कर देता। एक दिन पिताजी ने सुब्रोतो को बुलाया और बोले, "देखो बेटा, अब तुम बड़े हो गए हो और तुम्हे अपनी जिम्मेदारियां समझनी चाहियें। जो आये दिन तुम मुझसे पैसे मांगते रहते हो और उसे इधर-उधर उड़ाते हो ये अच्छी बात नहीं है।"

    "क्या पिताजी! कौन सा मैं आपसे हज़ार रुपये ले लेता हूँ… चंद पैसों के लिए आप मुझे इतना बड़ा लेक्चर दे रहे हैं..इतने से पैसे तो मैं जब चाहूँ आपको लौटा सकता हूँ।", सुब्रोतो नाराज होते हुए बोला।

    सुब्रोतो की बात सुनकर पिताजी क्रोधित हो गए, पर वो समझ चुके थे की डांटने-फटकारने से कोई बात नहीं बनेगी। इसलिए उन्होंने कहा, " ये तो बहुत अच्छी बात है…ऐसा करो कि तुम मुझे ज्यादा नहीं बस एक रूपये रोज लाकर दे दिया करो।" सुब्रोतो मुस्कुराया और खुद को जीता हुआ महसूस कर वहां से चला गया।

    अगले दिन सुब्रोतो जब शाम को पिताजी के पास पहुंचा तो वे उसे देखते ही बोले, "बेटा, लाओ मेरे 1 रुपये।" उनकी बात सुनकर सुब्रोतो जरा घबराया और जल्दी से अपनी दादी माँ से एक रुपये लेकर लौटा। "लीजिये पिताजी ले आया मैं आपके एक रुपये!", और ऐसा कहते हुए उसने सिक्का पिताजी के हाथ में थमा दिया। उसे लेते ही पिताजी ने सिक्का भट्टी में फेंक दिया। "ये क्या, आपने ऐसा क्यों किया?", सुब्रोतो ने हैरानी से पूछा। पिताजी बोले- तुम्हे इससे क्या, तुम्हे तो बस 1 रुपये देने से मतलब होना चाहिए, फिर मैं चाहे उसका जो करूँ।

    सुब्रोतो ने भी ज्यादा बहस नहीं की और वहां से चुपचाप चला गया। अगले दिन जब पिताजी ने उससे 1 रुपया माँगा तो उसने अपनी माँ से पैसा मांग कर दे दिया…कई दिनों तक यही सिलसिला चलता रहा वो रोज किसी दोस्त-यार या सम्बन्धी से पैसे लेकर पिताजी को देता और वो उसे भट्टी में फेंक देते। फिर एक दिन ऐसा आया, जब हर कोई उसे पैसे देने से मना करने लगा। सुब्रोतो को चिंता होने लगी कि अब वो पिताजी को एक रुपये कहाँ से लाकर देगा।

    शाम भी होने वाली थी, उसे कुछ समझ नही आ रहा था कि वो करे क्या! एक रुपया भी ना दे पाने की शर्मिंदगी वो उठाना नहीं चाहता था। तभी उसे एक अधेड़ उम्र का मजदूर दिखा जो किसी मुसाफिर को हाथ से खींचे जाने वाले रिक्शे से लेकर कहीं जा रहा था। "सुनो भैया, क्या तुम थोड़ी देर मुझे ये रिक्शा खींचने दोगे? उसके बदले में मैं तुमसे बस एक रुपये लूँगा", सुब्रोतो ने रिक्शे वाले से कहा।

    रिक्शा वाला बहुत थक चुका था, वह फ़ौरन तैयार हो गया। सुब्रोतो रिक्शा खींचने लगा! ये काम उसने जितना सोचा था उससे कहीं कठिन था… थोड़ी दूर जाने में ही उसकी हथेलियों में छाले पड़ गए, पैर भी दुखने लगे! खैर किसी तरह से उसने अपना काम पूरा किया और बदले में ज़िन्दगी में पहली बार खुद से 1 रुपया कमाया। आज बड़े गर्व के साथ वो पिताजी के पास पहुंचा और उनकी हथेली में 1 रुपये थमा दिए। रोज की तरह पिताजी ने रूपये लेते ही उसे भट्टी में फेंकने के लिए हाथ बढाया। "रुकिए पिताजी!", सुब्रोतो पिताजी का हाथ थामते हुए बोला, "आप इसे नहीं फेंक सकते! ये मेरे मेहनत की कमाई है।" और सुब्रोतो ने पूरा वाकया कह सुनाया।

    पिताजी आगे बढ़े और अपने बेटे को गले से लगा लिया। "देखो बेटा! इतने दिनों से मैं सिक्के आग की भट्टी में फेंक रहा था लकिन तुमने मुझे एक बार भी नहीं रोका पर आज जब तुमने अपनी मेहनत की कमाई को आग में जाते देखा तो एकदम से घबरा गए। ठीक इसी तरह जब तुम मेरी मेहनत की कमाई को बेकार की चीजों में उड़ाते हो तो मुझे भी इतना ही दर्द होता है, मैं भी घबरा जाता हूँ…इसलिए पैसे की कीमत को समझो चाहे वो तुम्हारे हों या किसी और के…कभी भी उसे फिजूलखर्ची में बर्वाद मत करो!"

    सुब्रोतो पिताजी की बात समझ चुका था, उसने फौरन उनके चरण स्पर्श किये और अपने व्यवहार के लिए क्षमा मांगी। आज वो एक रुपये की कीमत समझ चुका था और उसने मन ही मन संकल्प लिया कि अब वो कभी भी पैसों की बर्बादी नहीं करेगा।

    सपना- तो दोस्तों, ये थी अखिल जी द्वारा प्रस्तुत प्रेरक कहानी जिसका शीर्षक था एक रूपये की कीमत। चलिए दोस्तों, हर बार की तरह इस बार भी हम आपको नई रिलिज हिन्दी फिल्मों के बारे मे बताएंगे और फिल्म का प्रोमो भी सुनवाएंगे। हम आपको बताते हैं कि इस शुक्रवार रिलिज हुई है फिल्म ' हिन्दी मीडियम'

    (Music)

    अखिल- दोस्तों, इस शुक्रवार को दिनेश विजन और भूषण कुमार द्वारा निर्मित फिल्म 'हिन्दी मीडियम'रिलिज हुई है। भाषा को लेकर शिक्षा में असमानता पर बनी इस फिल्म में इरफान खान के साथ पाकिस्तानी अदाकारा सबा कमर मुख्य भूमिका में है। इस फिल्म में एक बेटी के माता-पिता बने इरफन और सबा लगभग उन्‍हीं समस्‍याओं से दो-चार होते नजर आ रहे हैं जिनसे भारत देश के लाखों पेरेंट्स को होना पड़ता है. ऐसे हर माता-पिता जो अपने बच्‍चे का एक अच्‍छे स्‍कूल में एडमिशन कराना चाहते हैं। आइए... हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी मीडियम फिल्म का ट्रेलर

    (Trailor- Hindi Medium)

    सपना- तो दोस्तों, यह था फिल्म 'हिन्दी मीडियम' का ट्रेलर, चलिए हंसी-खुशी की डबल डोज देने के लिए हम हर बार की तरह इस बार भी आपके लिए लेकर आए हैं कुछ मजेदार जोक्स, जिन्हें सुनकर आप जरूर हो जाएंगे लोट-पोट... आइए.. सुनते हैं ये कुछ मजेदार जोक्स

    (Music)

    अखिल- दोस्तों, अभी हम आपके लिए एक मजेदार ओडियो जोक प्रस्तुत करते हैं, जिसे भेजा है केसिंगा, ओडिशा से हमारे श्रोता भाई सुरेश अग्रवाल जी ने.... आइए सुनिए ये मजेदार ओडियो

    (Audio Joke)

    (Music)

    अखिल- दोस्तों, अब हम आपसे विदा लेते हैं। अब हमारा जाने का वक्त हो चला है... अगले हफ्ते हम फिर लौटेंगे, इसी समय, इसी दिन अपनी मस्ती की पाठशाला लेकर। आप हमें लेटर लिखकर या ई-मेल के जरिए अपनी प्रतिक्रिया, चुटकुले, हंसी-मजाक, मजेदार शायरी, अजीबोगरीब किस्से या बातें भेज सकते हैं। हमारा पता है hindi@cri.com.cn। अभी के लिए मुझे और सपना जी को दीजिए इजाजत। गुड बॉय, नमस्ते।


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