caifutianxia170116
|
सुबह साढ़े नौ बजे दक्षिण-पूर्वी चीन के चच्यांग प्रांत के यीवू शहर में यातायात की भीड़ होने लगी है। अफ़गानिस्तान के व्यापारी आज़मी भी दफ़्तर जाने के रास्ते पर हैं। उनकी कंपनी दुनिया के सबसे बड़े कमोडिटी बाज़ार --- यीवू इंटरनेशनल ट्रेड सिटी में स्थित है।
आज़मी गत 90 के दशक में पाकिस्तान से होते हुए चीन आए। वे क्रमशः चीन के सिनच्यांग वेवुर स्यावत्त प्रदेश और हांगचो शहर आदि जगहों में रहते थे और अंततः वर्ष 1998 में यीवू में आ बसे। उस समय अफ़गानिस्तान में हल्का उद्योग नहीं था, माल और सामग्रियां भी बहुत कम मिलती थीं। चीन द्वारा निर्मित छोटी वस्तुओं ने अफ़गानिस्तान के बाज़ार की मांगों को पूरा किया। ये वस्तुएं सस्ती हैं, जिनकी अच्छी बिक्री बनी रही। आज़मी ने इस मौके का फ़ायदा उठाकर व्यापार करना शुरू किया। चीन में सुधार और खुले द्वार की नीति लागू होने और अर्थव्यवस्था के तेज़ विकास के चलते आज़मी का व्यापार भी लगातार बढ़ता रहता है। उन्होंने कंपनी स्थापित की, जिसका नाम है आज़मी ब्रदर्स ग्रुप (Azimi Brother's Group)।
आज़मी रोज़ सुबह दस बजे दफ़्तर पहुंचते हैं और शीघ्र ही काम में व्यस्त हो जाते हैं।
आज़मी के दफ़्तर की दीवार पर छः घड़ियां लगी हैं, उनपर अलग अलग तौर पर पेइचिंग, काबुल, तेहरान, इस्तानबुल, हैम्बर्ग और न्यू यॉर्क का समय दिखाया जाता है। इन सभी देशों के शहरों में आज़मी की कंपनी का व्यापार फैला हुआ है। इन दो वर्षों में "रेशम मार्ग आर्थिक गलियारा" और "21वीं सदी समुद्री रेशम मार्ग" यानी "एक पट्टी एक मार्ग" रणनीति लागू होने के चलते चीन और "एक पट्टी एक मार्ग" से संबंधित देशों के बीच व्यापार लगातार बढ़ रहा है। इसी स्थिति में आज़मी की कंपनी के वर्ष 2015 में व्यापार की मात्रा तीन करोड़ चीनी युआन रही। हालांकि अब वैश्विक आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, लेकिन चीन के बाज़ार पर आज़मी पूर्ण आश्वस्त हैं।
"हम चीन को देखते हैं, फिर दुनिया को देखें। चीन की अर्थव्यवस्था में अधिक बदलाव नहीं हुआ है, फिर भी आगे बढ़ रही है, जबकि दुनिया के कुछ क्षेत्रों में युद्ध हो रहा है, जिससे आर्थिक मंदी आई। पूरी दुनिया में आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, लेकिन इसी स्थिति में चीन के बाज़ार में ज्यादा परिवर्तन नहीं हुआ, फिर भी शक्तिशाली है।"