खांगतिंग तिब्बती भाषा के मीडिल स्कूल के प्रधान थूतङ
स्कूल के प्रधान थूतङ के मुताबिक खांगतिंग मिडिल स्कूल से स्नातक हुए कई विद्यार्थी विश्वविद्यालय में पढ़ने के बाद शिक्षक बनने अपनी मातृभूमि वापस लौट आते हैं। उन्होंने कहा:
"हमारे स्कूल में कई विद्यार्थियों ने पेइचिंग में केंद्रीय जातीय विश्वविद्यालय, छिंगहाई प्रांत में जातीय विश्वविद्यालय, छंगतु में दक्षिण-पश्चिमी जातीय विश्वविद्यालय, तिब्बत विश्वविद्यालय, छिंगहाई नार्मल विश्वविद्यालय और सछ्वान जातीय कॉलेज में दाखिला लिया। मेरे अलावा स्कूल में कई शिक्षक हमारे स्कूल से ही स्नातक हुए थे। खांगतिंग कांउटी में च्युश्यांगयी कस्बे में सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों में 20 से 30 प्रतिशत लोग हमारे मीडिल स्कूल के विद्यार्थी थे।"
तिब्बती लड़की त्सेबा कक्षा में कड़ी परिश्रम से पढ़ाई करती है। उसने कहा कि उसका कड़ी परिश्रम से पढ़ाई करने का उद्देश्य मौजूदा जीवन स्थिति को बदलना है। त्सेबा ने कहा:
"मुझे लगता है कि पढ़ाई से सब कुछ बदला जा सकता है। इससे मेरा भाग्य भी बदल जाएगा। मेरे माता-पिता अनपढ़ हैं। उनका जीवन मुश्किलों से भरा है। वे रोज मेहनत-मजदूरी के लिए बाहर जाते हैं। लगता है कि विश्वविद्यालय से स्नातक होने वाले लोगों का जीवन थोड़ा आरामदेह होता है। मैं मेहनत और सच्ची लगन से पढ़ना चाहती हूँ।"