Web  hindi.cri.cn
    छोटे-छोटे फलों से पनपते बड़े बड़े उद्योग
    2014-06-22 19:47:22 cri

    छ्यांगछ्वे आलूबुखारे

    नानच्वांग गांव में उत्पादित सेब

    पहले नानच्वांग गांव में उगाए जाने वाला आलूबुखारा मशहूर नहीं था। लेकिन माओश्यान कांउटी के कृषि ब्यूरो की तकनीकी मार्गदर्शन से गांव में उगाए गए आलूबुखारे के पेड़ों की गुणवत्ता उन्नत की गई और "छ्यांगछ्वे आलूबुखारे"को नामांकित किया गया। धीरे-धीरे नानच्वांग गांव में उगाया जाने वाला यह आलूबुखारा आस पास के क्षेत्रों में प्रसिद्ध होने लगा। वर्ष 2012 में देश में आयोजित कृषि उत्पादों के मेले में"छ्यांगछ्वे आलूबुखारे"ने स्वर्ण पदक जीता। नानच्वांग गांव में सहकारिता संघ की परिषद के प्रधान फ़ू योछ्वान ने कहा कि छोटे-छोटे छ्यांगछ्वे आलूबुखारों के उत्पादन से नानच्वांग गांववासियों का जीवन साल दर साल समृद्ध होने लगा। उन्होंने कहा:

    "आजकल हमारे गांव में उत्पादित छ्यांगछ्वे में उगाये जाने वाले आलूबुखारे की बिक्री छोंगछिंग और शांगहाई जैसे केंद्र शासित शहरों के अलावा छङतु और क्वांगचो जैसे बड़े शहरों में भी होती है। इन आलूबुखारों की सबसे ज्यादा बिक्री दक्षिण-पश्चिमी चीन के क्वेचो प्रांत की राजधानी क्वेयांग शहर में हुई। इस शहर के व्यापारी आम तौर पर आलूबुखारा खरीदने गांव में आते हैं, जो गांव में उत्पादित छ्यांगछ्वे आलूबुखारा बेचने की एक विशेषता बन गया है।"

    नानच्वांग गांव के फल उद्यान में हमारे संवाददाता की मुलाकात छ्यांग जाति की दादी मां की उम्र वाली एक बुज़ुर्ग महिला से हुई। आलूबुखारे के अलावा उनके फल उद्यानों में अंगूर और कीवी जैसे फल भी उगाये जाते हैं। दादी मां वन खुशी के साथ कहती हैं:

    "हमारे घर के फल उद्यान का क्षेत्रफल 0.33 हेक्टेयर है, इसमें सिर्फ छ्यांगछ्वे आलूबुखारे से होने वाली आय 30 हज़ार युआन थी। हमने अपने उद्यान में उगाए आलूबुखारे को 12 युआन प्रति किलो के हिसाब से बेचा है।"

    दक्षिण-पश्चिमी चीन के सछ्वान प्रांत में आधुनिक कृषि मॉडल क्षेत्र के रूप में नानच्वांग गांव उच्च गुणवत्ता और चक्रिय उत्पादन के उसूल आधारित पारंपरिक कृषि क्षेत्र से आधुनिक मॉडल केन्द्र में बदल रहा है। गांव में पारिस्थितिक कृषि के विकास में सक्रिय है। योजनानुसार भविष्य में छ्यांगछ्वे आलूबुखारा, लाल रंग भंगूर आलूबुखारा और सेब की प्रधानता वाले विशेष फल मॉडल क्षेत्र के रूप में स्थापित होगा, जिसका क्षेत्रफल करीब 667 हेक्टेयर होगा। माओश्यान कांउटी के कृषि विभाग के कृषि तकनीक केंद्र के प्रधान मा खाईमिन ने जानकारी देते हुए कहा कि नानच्वांग गांव समुद्र तल से 1600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जहां एक विशेष मौसम होता है। इसी क्षेत्र में उत्पादित छ्यांगछ्वे आलूबुखारे समेत फलों की सिंचाई पहाड़ी झरनों के पानी से की जाती है और ये बिना प्रदूषण के हरित खाद्य पदार्थ है। आप इन फलों को सीधे पेड़ों से तोड़कर पानी से धोने के बाद खा सकते हैं। मा खाईमिन ने कहा:

    "लोगों को मालूम हुआ कि आलूबुखारा छोटे वर्ग वाले फलों में से एक है। लेकिन हमारी कांउटी में इसका विकास और विस्तार किया जाएगा, ताकि छोटे-छोटे फलों से बड़े-बड़े औद्योगिकी उत्पाद तक बनाये जा सकें। वर्तमान में आलूबुखारा हमारी कांउटी के प्रमुख उत्पादों में से एक है। वर्तमान में अखिल माओश्यान कांउटी में कुल 6667 हेक्टेयर क्षेत्रफल वाले आलूबुखारे के पेड़ उगाए जाते हैं।"

    पिछले कुछ वर्षों में माओश्यान कांउटी में कृषि उत्पादों के औद्योगिकीकरण में तेज़ी आई है। विशेष कृषि वस्तुएं उगाने के साथ-साथ संबंधित उत्पादों के मशहूर ब्रांड बनाने के भी प्रयास किये जा रहे हैं। सिलसिलेवार कदमों से कृषि उत्पादन की मिश्रित क्षमता ही नहीं, किसानों की आय में भी भारी इज़ाफ़ा हुआ है। फल के पेड़ों से माओश्यान कांउटी के गाववासियों की आय में बढ़ोतरी के चलते नए जीवन के प्रति उनकी अभिलाषा भी बढ़ चुकी है।


    1 2
    © China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
    16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040