छडंतू शहर की यात्रा
2015-03-13 14:39:58 cri
छडंतू शहर लोककला के लिए भी प्रसिद्ध है। उदाहरण के लिए सछ्वान प्रांत में डुल्सिमर तारवाद्य का इतिहास 200 वर्ष पुराना है, गायक चायघर में इस तारवाद्य पर लोकगीत गाते हैं, इसकी आवाज बहुत सुरीली होती है। इनके अलावा बहुत सी परम्परागत लोककला-शक्कर से बने चित्र, मिट्टी व आटे से बनी मूर्तियां भी छडंतू शहर में नजर आती हैं।
आजकल छडंतू शहर में परम्परागत माल के आदान-प्रदान की गतिविधियां भी आयोजित की जाती हैं, जैसे वर्ष में एक बार पुष्प मेला, रेशमी कीड़ा मेला, पटसन मेला, रेशमी कपड़ा मेला, औषधि मेला और पंखा मेला लगाया जाता है। इनके अलावा, हर वर्ष छडंतू में पश्चिमी एक्सप्रो का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें अनेक देशों के लोग भाग लेते हैं। ये मेले आर्थिक विकास में सक्रिय भूमिका अदा करते हैं।