फूलदार टोपी की कढ़ाई विविध प्रकार की होती है, जैसे रेशमी धागे से समतल कढ़ाई, क्रास कढ़ाई, गाठदार कढ़ाई, मोती की कढ़ाई, खानेदार कढ़ाई, फूलदार कढ़ाई व रोएंदार कढ़ाई आदि। पहले चौकोर कपड़े को चार पंखुड़ियों के रूप में काटकर उन पर रंगीन फूलदार डिजाइन काढ़ी जाती है, फिर इन चारों पंखुड़ियों को आपस में सिलाई से जोड़ा जाता है और इसके अन्दर दूसरा कपड़ा डालकर काष्ठ सांचे पर रखकर उसे एक खास आकार दिया जाता है। अंत में इस टोपी के किनारे पर काले रोएंदार कपड़े की पट्टी लगाने के साथ फूलदार छोटी टोपी तैयार हो जाती है।
एक विशिष्ट जातीय शिल्पकला की दृष्टि से उइगुर जाति की इस टोपी की लोकप्रियता बढ़ती गयी। जब भी कोई खास त्योहार आता है, उइगुर जाति के लोग जरूर इन टोपियों को पहनते हैं। कुछ लोग तो इन खूबसूरत टोपियों को दीवार पर लटकाकर अपने कमरे को सजाते हैं। वे इसे मूल्यवान उपहार के रूप में अपने दोस्तों, रिश्तेदारों व दूर से आए मेहमानों को भी भेंट करते हैं।