इस बार श्वीचओ शहर में खुदाई से प्राप्त सैनिकों व घोड़ों की मूर्तियां श्येनयाडं की मूर्तियों की तुलना में बहुत ज्यादा हैं और इन की किस्में अनेक हैं, मगर छिन राजवंश के प्रथम सम्राट की कब्र में रखी मूर्तियों से न केवल संख्या ही बहुत कम हैं, बल्कि इन का पैमाना भी छोटा है, क्योंकि इस कब्र के मालिक का पद नीचा था और आर्थिक स्थिति भी अच्छी न थी।
श्वीचओ शहर प्राचीन काल से उत्तरी और मध्य चीन का एक द्वार रहा है, यहां पीली नदी बहती है और ऊंचे-ऊंचे पर्वत फैले हुए हैं। यह शहर अपनी विशेष भौगोलिक स्थिति, विकसित यातायात और समृद्ध अर्थतंत्र के कारण प्राचीनकाल से ही रणनीतिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण स्थान रहा है। पिछले चार हजार वर्षों में श्वीचओ शहर में 200 बड़े युद्ध छिड़े।
इस बार श्वीचओ शहर में खुदाई से प्राप्त घोड़ों की मूर्तियों का मालिक कौन है? यह अब तक ज्ञान नहीं है। क्योंकि इसके मालि की कब्र खुदाई में नहीं मिली। केवल मूर्तियों से कोई निश्चित निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता। मगर इन मूर्तियों की वेश-भूषा, हाव-भाव और रंग-सज्जा से यह कहा जा सकता है कि शायद ये मूर्तियां पश्चिमी हान राजवंश के मध्य काल के किसी राजा के साथ दफनाई गई थीं।