028 गधे पर सवार गधे की तलाश

2017-05-16 19:56:54 CRI

028 गधे पर सवार गधे की तलाश

गधे पर सवार गधे की तलाश 骑驴找驴

"गधे पर सवार गधे की तलाश"नाम की कहानी को चीनी भाषा में"छी ल्यु ज़ाओ ल्यु"(qí lǘ zhǎo lǘ) कहा जाता है। इसमें"ल्यु"जानवर गधा है, और"छी"एक क्रिया शब्द है, जिसका अर्थ है सवार होना, जबकि तीसरा शब्द"ज़ाओ"क्रिया शब्द भी है, अर्थ है खोजना या तलाश करना।

बहुत पहले की कहानी है। कहते है कि वांग शान नाम का एक व्यक्ति था। एक दिन वह पांच गधों को हांकते हुए बाजार जा रहा था। और खुद वह एक गधे पर सवार था।

रास्ते में उसने गधों की संख्या गिनी, क्योंकि उसे डर था कि कहीं रास्ते में कोई गधा रास्ता भटक सकता है। उसने एक, दो, तीन, चार गिनना शुरू किया। "अरे सिर्फ चार हैं।"वांग शान चिल्लाया

उसने फिर गिनती की:"एक, दो, तीन, चार"। फिर गधों की संख्या चार ही निकली। उसने फिर गिनती की, संख्या चार ही निकली।

वांग शान को बड़ा आश्चर्य हुआ:"मैं पांच गधे लेकर आया था, लेकिन अब चार ही कैसे रह गए?"

वह लापरवाही के लिए खुद को कोसने लगा, कि मेरी वजह से गधा खो गया है।

वांग शान गधों को लेकर बाजार पहुंचा। वह गधे की पीठ से कूद कर जमीन पर उतरा। फिर से गधों की संख्या गिनी:"एक, दो, तीन, चार, पाँच।" गंधों की संख्या पांच हो गई। एक भी कम नहीं हुई, तब उसे समझ आया कि रास्ते में जब गधों की संख्या गिनी थी, तब वह उस गधे को गिनना भूल गया, जिस पर वह खुद सवार था।

"गधे पर सवार गधे की तलाश"यानी चीनी भाषा में"छी ल्यु ज़ाओ ल्यु"(qí lǘ zhǎo lǘ) नाम की कहानी बताती है कि जो चीज़ अपने हाथ में है, उसकी तलाश करना बेवकूफ़ों वाला काम है।

028 गधे पर सवार गधे की तलाश

कुत्ते का सूरज पर भौंकना 蜀犬吠日

"कुत्ते का सूरज पर भौंकना"नाम की कहानी को चीनी भाषा में"शु छ्वान फ़ेइ री"(shǔ quǎn fèi rì) कहा जाता है। इसमें"शु"प्रचीन काल में एक राज्य का नाम था, जो आज के दक्षिण पश्चिमी चीन के सछ्वान प्रांत में स्थित था, वर्तमान में सछ्वान प्रांत का संक्षिप्त नाम"शु"भी कहा जाता है, दूसरा शब्द"छ्वान"कुत्ता है। तीसरा शब्द"फ़ेइ"का अर्थ है भौंकना और"री"है सूरज।

आज से 1300 वर्ष पहले, चीन के थांग राजवंश में (618-907) ल्यु चोंगयुआन (Liu zongyuan) नाम के एक साहित्यकार और कवि थे। वह शाही दरबार में एक प्रगतिशील मंत्री थे और उन्होंने राजकीय मामलों में सुधार लाने के लिए कई सुझाव पेश किए। जिसका सम्राट के विश्वास पात्र नजदीकी अनुरुढ़ी पदाधिकारी ने विरोध किया और ल्यु चोंगयुआन को पद से हटाकर देश के दूर दराज ज़िले में एक छोटे पद पर तैनात कर दिया गया।

एक दिन, नजदीकी अनुरूढ़ी के नाम एक युवा का पत्र आया, जिसमें युवा ने ल्यु चोंगयुआन को गुरु समझ कर उससे लेखन की शिक्षा लेने की अभिलाषा प्रकट की। पत्र पढ़कर ल्यु चोंगयुआन बहुत प्रभावित हुआ। क्योंकि उस जमाने में अगर कोई अपने को गुरु समझकर दूसरों को शिष्य के रूप में शिक्षा देता था तो लोग उसे सिर फिरा आदमी समझते थे। इसलिए उस युवा ने बड़ा साहसी काम किया था।

ल्यु चोंगयुआन ने युवा के नाम लिखे जवाबी पत्र में एक कहानी लिखकर उस समय की उक्त मान्यता की आलोचना की, कथा का नाम था:"शु राज्य के कुत्ते का सूरज पर भौंकना", जो इस प्रकार है:

मुझे पहले एक कहानी सुनने को मिली कि दक्षिण पश्चिमी चीन के शु राज्य (आज दक्षिण पश्चिमी चीन के सछ्वान प्रांत) के दक्षिण भाग में रोज़ बारिश होती थी। सूरज बहुत कम निकलता था। जब किसी दिन वर्षा बन्द हुई और सूरज निकला, तो कुत्ता सूरज की ओर भौंक रहा था। यह कहानी सुनकर मुझे विश्वास नहीं हुआ, पर कुछ वर्षों के बाद जब मैं दक्षिण पश्चिमी चीन स्थित लिंगनान नाम के स्थान गया, उन दिनों वहां भारी बर्फबारी हो रही थी, जिससे कई जिलों की भूमि बर्फ से आच्छादित हो गयी, जगह-जगह बर्फ की चादर लिपट गयी थी। वहां के कुत्ते बड़े घबराते हुए दौड़ते और भोंकते थे। कुत्तों की यह घबराहट कई दिनों तक रही, जब सूरज निकला और बर्फ पिघल गयी, तब कुत्ते शांत हुए। वास्तव में कुत्ते इसलिए भौंकते थे, क्योंकि उन्होंने सूरज और बर्फ को बहुत कम देखा था और जब देखा, तो वे बहुत घबरा जाते थे।

"कुत्ते का सूरज पर भौंकना"यानी चीनी भाषा में"शु छ्वान फ़ेइ री"(shǔ quǎn fèi rì) से चीन में एक कहावत बन गया है। मतलब है कि कम देखने पर ही घबराहट हो सकती है। कोई बात पूरी तरह सामने आने पर सामान्य बन जाती है।

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