013 शैतानी का चित्र बनाना आसान है

बल्लुन फिश का क्रोध 河豚发怒
"बल्लुन फिश का क्रोध"छोटी नीति कथा को चीनी भाषा में"हअ थुन फ़ा नू"(hétún fānù) कहा जाता है। इसमें"हअ थुन"बल्लुन फ़िश है, जबकि शब्द"फ़ा नू"का अर्थ है"क्रोध आना"।
नदी में बल्लुन नस्ल की मछली रहती है, उसका सिर छोटा होता है, पर पेट बड़ा, देखने में जो गुब्बारा सा लगता है। वह नदी पर बने पुल के लकड़ी के खंभों के बीच तैरना और खेलना पसंद करती है।
एक दिन की बात थी, धूप तेज पड़ रही थी और शांत हवा चल रही थी, बल्लुन मछली खेलते-गाते नदी के पानी में तैर रही थी, अचानक एक लापरवाही के कारण उसका सिर लकड़ी के तंबे पर टकरा गया। बल्लुन मछली को गुस्सा आ गया, वह इतना क्रोधित हुई कि खंबे से दूर रहने को तैयार तो नहीं हुई, साथ ही खंबे से नफ़रत भी करने लगी कि खंभे ने उसे धक्का क्यों मारा। गुस्से में उसके दोनों गाले फूल गए और फिन खड़े हो गए और पेट गुस्से से इतना बड़ा फूल गया कि वह गुब्बारे की तरह पानी की सतह पर आ गया और आंखें लाल हो गयी, तभी आकाश में एक बाज आ धमका, उसने अपने तेज पंजों से मछली को धर दबोचा और उसके फूले हुए पेट को फाड़ कर खा गया।
"बल्लुन फिश का क्रोध"यानी चीनी भाषा में"हअ थुन फ़ा नू"(hétún fānù) नाम की इस छोटी कथा का मतलब बहुत साफ़ है कि अकारण गुस्सा आने पर अकसर आफत आ पहुंचती है। शांत दिमाग से काम लेना चाहिए और मुश्किल के वक्त ठंडे दिमाग से सोच विचार कर काम करना चाहिए।