श्यामन में पहला दिन, दक्षिण पूर्वी चीन में फ़ूच्यान प्रांत का समुद्र तटीय शहर श्यामन जहाँ एक तरफ अपनी गर्म और आर्द्र जलवायु और मनोहारी समुद्र तटों और सुंदर द्वीपों से सैलानियों का पसंदीदा पर्यटन स्थल बना हुआ है, वहीं दूसरी ओर अपनी व्यावसायिक गतिविधियों के कारण भी श्यामन ने चीन में अपनी पहचान बनाई है। श्यामन के हूली ज़िले के कूश्र फू गाँव की पहचान कला और व्यावसायिकता, दोनों के मिलेजुले रूप में होती है। अस्सी के शुरुआती दशक में इस गाँव में कुछ तैल चित्र बनाने वाले पेंटर इस गाँव में आकर बस गए, तभी से यहाँ पर तैल चित्र बनाने की परंपरा की शुरुआत हुई इसके बाद कूश्र फू गाँव लोगों की नज़रों में तब आया जब वर्ष 1992 में यहाँ पर तीन सौ तैल चित्र कलाकार यहाँ पर आकर बस गए, तब इनका काम व्यावसायिक स्तर पर और आगे बढ़ने लगा, इन्हें पहचान मिलने लगी और इनका नाम फैलने लगा, इनके नाम और काम से प्रभावित होकर चीन के दूसरे इलाकों से यहाँ पर करीब दस हजार पेंटर आकर बस गए, उसके बाद इनकी कला को व्यावसायिक गति बड़े पैमाने पर मिलने लगी और इनका सालाना कारोबार बढ़कर दो करोड़ युआन तक जा पहुँचा। चीन की केन्द्र सरकार ने इन्हें और प्रोत्साहन देने के लिए एक संस्था बनाई जो इनके काम को देखने लगी साथ ही सरकार ने इन्हें इनके पुराने मकानों की जगह इनके लिए पक्के मकान बनाए। अब ये पेंटर पक्के और कई मंज़िली इमारतों में रहने लगे, पहले जहाँ पेंटिंग का काम गली गली देखा जा सकता था वहीं अब हरेक पेंटर अपने घर के अंदर ही तैल चित्र बनाने लगा। सरकार के प्रोत्साहन के बाद इनके काम को और गति मिली, लेकिन फिर, समय के साथ जहाँ कुछ पेंटर दूसरे ज़िले हाय त्सांग में जा बसे वहीं कुछ ने दूसरे व्यवसाय अपना लिए। ज समय के साथ इनके पेंटिंग के विषय मैं भी बदलाव आया, पहले पेंटिंग के विषय प्राकृतिक दृश्य और गाँव का जनजीवन होता था, वो अब शहरी जीवन जीवन और आधुनिकता की तरफ बढ़ चला, कुल मिलाकर कहा जाए तो सरकार से मिले प्रोत्साहन के बाद पेंटरों के काम में बढड़ोतरी हुई है और व्यावसायिक स्तर पर भी इनका काम बढ़ा है। (पंकज श्रीवास्तव।)
1 2 3 4 5