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जी-20 के सदस्यों को एक ही आवाज़ में बोलना चाहिएः अरविंद पनगढ़िया
2016-09-04 10:54:05 cri

अरविंद पनगढ़िया सीआरआई को इन्टरव्यू देते हुए



3 सितंबर को सीआरआई के संवाददाता देव ने जी-20 के लिए भारतीय प्रतिनिधि मंडल के शेरपा, भारतीय नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया के साथ खास इंटरव्यू लिया। उन्होंने कहा कि जी-20 के सदस्यों को एक ही आवाज़ में बोलना चाहिए, ताकि समान विकास को साकार किया जा सके।

अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि इससे पहले सम्पन्न जी-20 शिखर सम्मेलन की चौथी शेरपा बैठक में विभिन्न पक्षों ने"नवोन्मेषी, उर्जित, अंतर्संबंधित और समावेशी विश्व अर्थव्यवस्था की स्थापना"की टीम पर विचार विमर्श किया और अंततः सिलसिलेवार अहम उपबल्धियां हासिल कीं।

अरविंद पनगढ़िया ने कहा:

"हमें पिछले 2-3 दिनों में काफी कठिन काम करना पड़ा। हमारी कई मुद्दों पर चर्चा हुई जैसे जी-20 के बीच में नीति समन्वय को कैसा बढ़ाया जाए, नये ग्रोथ पास को आगे कैसे बढ़ाया जाए, विश्व की वृद्धि दर कैसे बढ़ायी जाए, जो मौजूदा समय में मंदी में है। चीन ने व्यापार और निवेश पर भी एक नई चर्चा की। इसके अलावा जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद से जुड़े विषयों पर भी चर्चा हुई।"

अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि जी-20 के अनेक सदस्य हैं। इसमें यूरोप और अमेरिकी देशों के अलावा एशिया और अफ्रीका के देश भी शामिल हैं। जहां पर एक तरफ़ विकसित देश हैं तो वहीं दूसरी तरफ़ विकासशील देश भी हैं। विभिन्न देशों को अपनी अपनी अपील भी हैं। इसलिए हमें मतभेदों को ताक पर रखकर समानता की खोज करनी चाहिए, ताकि समान विकास को साकार किया जा सके। अरविंद पनगढ़िया ने कहा:

"जी20 में जो विकासशील राष्ट्र है, वो उभरते हुए राष्ट्र है और विश्व के लिए व्यापक बाजार भी हैं। वे विकसित राष्ट्रों से व्यापार और निवेश के द्वारा वैश्विक स्तर पर जुड़े हुए हैं। इस वजह से कई मुद्दे ऐसे हैं जिनमें इनके समान हित भी हैं। हमें काफी समय लग जाता है एक आम सहमति प्राप्त करने में। तो इसलिए इसमें इतना समय लगता है कई चीजों पर राष्ट्रो के बीच सहमति नहीं हो पाती है। तो एक सुलह करके आम राय बनाई जानी चाहिए जिसे सभी 20 राष्ट्र स्वीकार कर सकें।"

किस तरह चीन और भारत के बीच सहयोग को मजबूत करना है? इसपर अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि आर्थिक और व्यापारिक आवाजाही द्विपक्षीय सहयोग की पट्टी है, जिसमें बुनियादी संरचनाओं के निर्माण क्षेत्र में सहयोग की सबसे बड़ी निहित शक्ति है। अरविंद पनगढ़िया ने कहा:

"चीन आजकल व्यापार में भारत का सबसे बड़ा पार्टनर हो गया है। व्यापार के जरिये हम काफी गहरे रूप से जुड़े हुए हैं। बुनियादी सुविधाएं की बात की जाए तो हमारा आगे बढ़ने का बहुत स्कोप है, क्योंकि चीन ने खास तौर पर पिछले 20 सालों में जिसमें हाई-स्पीड रेल भी शामिल है, बहुत तरक्की की है। मेरा मानना है कि आज चीन जहां खड़ा है, शायद भारत 15-20 सालों में वहां तक पहुंच जाएगा।"

जी-20 शिखर सम्मेलन की प्रचलन प्रणाली के अनुसार मुख्यतः शेरपा बैठक और वित्तीय बैठक दो माध्यमों से नेताओं को सुझाव पेश किया जाता है। वित्तीय बैठक में वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गर्वनरों की बैठक है, जिनमें ठोस आर्थिक और वित्तीय समस्याओं पर विचार विमर्श किया जाता है और शिखर सम्मेलन में सहमति पाने के लिए आधार तैयार किया जाना है। जबकि शेरपा बैठक में मुख्यतः राजनीतिक स्तर पर उपलब्धियों को इकट्ठा करना है। विभिन्न देशों के शेरपा नेताओं द्वारा सीधे रूप से निर्धारित किये जाते हैं, जो आम तौर पर सदस्य देशों के नेताओं के आर्थिक सलाहकार, विदेशी सलाहकार या उपविदेश मंत्री हैं। वे नेताओं का पूरा प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। भारतीय दल के शेरपा अरविंद पनगढ़िया भारतीय थिंक टैंक और नीति आयोग के उपाध्यक्ष हैं। इस आयोग के अध्यक्ष भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।

(श्याओयांग)

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