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के वी कामथ सीआरआई संवाददाता को इन्टरव्यू देते हुए
चीन की आर्थिक राजधानी शांगहाई में आयोजित 17वें चीन शांगहाई अंतर्राष्ट्रीय कला महोत्सव के भारत कला सप्ताह के शुभारंभ पर विभिन्न गणमान्य अतिथियों में न्यू डवलप्मेंट बैंक जो कि ब्रिक्स देशों का संगठित बैंक है के अध्यक्ष के वी कामथ को भी आमंत्रित किया गया था।के वी कामथ जी के साथ इस शुभ अवसर पर हुई खास मुलाकात में उन्होंने हमें न्यू डवलप्मेंट बैंक, इसके लक्ष्य, ब्रिक्स देशों की बेहतर होती आर्थिक स्थिति और वैश्विक आर्थिक परिदृष्य में भारत की बढ़ती आर्थिक भूमिका के बारे में बताया, कामथ जी ने बताया हालांकि विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, यूरो बैंक समेत पहले से ही कई संगठनों के अपने बैंक हैं लेकिन न्यू डवलप्मेंट बैंक इन सबसे अलग इसलिये है क्योंकि ये किसी बैंक से स्पर्धा के आधार पर नहीं बल्कि आपसी सहयोग के आधार पर बनाया गया है। इसे बनाने में विश्व की उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं एकसाथ सामने आई हैं।
न्यू डवलप्मेंट बैंक ब्रिक्स देशों के आधारभूत ढांचे को आर्थिक मदद देगा लेकिन इसके साथ ही बड़े स्तर पर ऐसे कार्यों में भी अपनी आर्थिक मदद देगा जिसका लाभ अंतत: आम आदमी को भी मिलेगा। कामथ जी ने बताया कि किसी भी देश के आर्थिक विकास की रीढ़ उसके आधारभूत ढांचे में निहीत होती है और इस क्षेत्र में आर्थिक मदद देने से पूरे देश और वहां के निवासियों का आर्थिक विकास होता है। अगर हम किसी एक उद्योग को आर्थिक सहायता देते हैं तो सिर्फ उस उद्योग विशेष को लाभ मिलेगा लेकिन चतुर्मुखी आर्थिक विकास के लिये आधारभूत ढांचे पर जोर दिया जाना चाहिये और इस समय ब्रिक्स देशों को इसकी अदद ज़रूरत है।
कामथ जी ने आगे कहा बाकी संगठनों से ब्रिक्स संगठन अलग इसलिये भी है क्योंकि अगर हम सिर्फ भारत और चीन को ही देखें तो विश्व की लगभग 16 फीसदी आबादी इन दोनों देशों में रहती है, तकनीकी विकास में भारत और चीन कदम से कदम मिलाते हुए आगे बढ़ रहे हैं, उच्च गुणवत्ता वाली सस्ती तकनीक का विकास इन देशों में हो रहा है साथ ही ब्रिक्स देशों की बड़ी आबादी की वजह से एक बहुत बड़ा बाज़ार भी उपलब्ध है जिसके लिये हमें कहीं बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है।
साथ ही उन्होंने कहा कि नए नेतृत्व ने भारतीय आर्थिक विकास को एक नई गति दी है जिसका लाभ भारत को ज़रूर मिलेगा। हालांकि अभी विश्व आर्थिक मंदी से उबरने की कोशिश कर रहा है लेकिन अब भी विश्व के कई देशों की विकास दर धीमी है, अपनी उच्च तकनीकी गुणवत्ता, कुशल और सस्ती श्रम शक्ति इस समय भारत के हित में है और हमें इसका लाभ उठाते हुए ब्रिक्स संगठन को भी लाभ पहुंचाना चाहिये।
(पंकज श्रीवास्तव)
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