शी चिनफिंग ने कहा कि ब्रिटेन सबसे पहले संसदीय व्यवस्था शुरु करने वाला देश है। वर्तमान चीन में चीनी जनता कानून के मुताबिक देश के प्रशासन को आगे बढ़ा रही है। चीन चीनी राष्ट्र की प्राचीन कानून व्यवस्था की श्रेष्ठ परंपरा को अपनाते हुए विश्व के विभिन्न देशों में कानूनी प्रशासन के हितकारी अनुभव भी सिख रहा है। उद्देश्य है कि कानून के सामने हर व्यक्ति की समानता साकार होना। चीनी विशेषता वाले समाजवादी कानून व्यवस्था के निर्माण में गति देते हुए वैज्ञानिक तौर पर कानून का निर्माण किया जाएगा, सख्ती से पालन का कार्यान्वयन किया जाएगा, न्याय कानून और जनता के कानून का पालन करने को आगे बढ़ाया जाएगा। इसी क्षेत्र में चीन और ब्रिटेन के कानून निर्माण संस्थाएं एक दूसरे से सिख सकती हैं।
शी चिनफिंग ने बल देते हुए कहा कि भौगोलिक स्थिति में चीन और ब्रिटेन एशिया और युरोप में स्थित है। लेकिन लम्बे समय तक दोनों देश एक दूसरे को आकृष्ट करते हैं। वर्ष 1949 में नए चीन की स्थापना के बाद द्विपक्षीय संबंध में कई "सर्वप्रथम पहलु" हासिल किए। शी चिनफिंग ने कहा:"ब्रिटेन नए चीन को मानने वाला पहला बड़ा पश्चिमी देश है। उसने युरोपीय संघ में सबसे पहले चीन के साथ सर्वांगीण रणनीतिक साझेदार संबंध स्थापित किया। ब्रिटेन हांगकांग के अलावा सबसे बड़ा विदेशी आरएमबी एक्सचेंज केंद्र है। जहां पढ़ने वाले चीनी विद्यार्थियों और कंफ्यूशियस कॉलेज की संख्या सबसे अधिक है। इसके अलावा ब्रिटेन आरएमबी राष्ट्रीय ऋण प्रचालित करने वाला सबसे पहला पश्चिमी देश है, वह सबसे पहले एआईआईबी में भाग लेने वाला पश्चिमी देश भी है। ऐसा कहा जा सकता है कि चीन और ब्रिटेन'तुम्हारे पास मैं हूँ और मेरे पास तुम हो'वाला समान हितों का समुदाय बन गए हैं।"
शी चिनफिंग ने कहा कि चीन-ब्रिटेन संबंध के विकास का स्रोत दोनों देशों की जनता के बीच आपसी समझ, समर्थन, मैत्री है। आज का युग शांति और विकास प्रमुख विषय है। इस महान युग में चीन और ब्रिटेन को सर्वांगीण रणनीतिक साझेदार संबंध की नई शुरुआत पर हाथ मिलाकर आगे बढ़ाना चाहिए।
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