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शनिवार को चीन की राजधानी पेइचिंग में तीसरा चीन योगा सम्मेलन का उद्घाटन समारोह आयोजित हुआ, जिसमें चीन और भारत के जाने-माने योग गुरुयों ने शिरकत की। इस सम्मेलन का आयोजन 'योगी योगा' केंद्र द्वारा किया गया है।
22 मई तक चलने वाले इस सम्मेलन में योगा जीवनशैली, शरीर और दिमाग का संतुलन, खुशहाल रहने का अर्थ खोजना आदि मुद्दों पर विभिन्न चर्चाएं और वर्कशॉप आयोजित किये जायेंगे।
इस मौके पर भारतीय दूतावास में डिप्टी चीफ ऑफ मिशन अमित नारंग ने अपने भाषण में कहा कि योगा चीन और भारत के बीच दोस्ती के पूल की तरह है। यह दो देशों की जनता को आपस में जोड़ता है। भारत के नेतृत्व में योग फिर से अपनी वास्तविक पहचान बना रहा है। चीन में योगा सीखने वालों की संख्या में हर साल वृद्धि हो रही है।
विश्व के जाने माने प्राणायाम मास्टर ओ.पी. तिवारी ने सीआरआई से खास बातचीत में कहा कि चीन की युवा पीढ़ी में भारतीय योग को लेकर बहुत उत्साह है। उनका मानना है कि योग चीन और भारत के बीच संबंधों को मजबूत करने में अहम रोल निभाता है।
जबकि योगी योगा के संस्थापक मोहन भंडारी ने सीआरआई से खास बातचीत में कहा कि चीनी लोग योग को बहुत ही गंभीरता से सीखते हैं। यह चीनी लोगों की खासियत ही मानी जाएगी कि ये कोई भी चीज उन्हीं लोगों से सीखना पसंद करते हैं, जिनसे उस खास चीज का मूल रूप से संबंध हो। यही वजह है कि चीन में भारतीय योग गुरुओं की मांग लगातार बनी हुई है।
(अखिल पाराशर)
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