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संसदों के बीच आवाजाही चीन-भारत संबंधों का महत्वपूर्ण भाग है। दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय आपसी आवाजाही और विभिन्न स्तरीय घनिष्ठ आदान-प्रदान के ज़रिए पारस्परिक समझ और मित्रता बढ़ती जा रही है, द्विपक्षीय संबंधों का स्वस्थ और स्थित विकास बढ़ाया गया है। भारत में चीनी राजदूत लुओ चाओहुई ने 6 अप्रैल को यह बात कही।
उसी दिन नए सत्र के भारत-चीन संसदीय संगठन का सत्कार समारोह चीनी दूतावास में आयोजित हुआ। इस संगठन के अध्यक्ष तरुण विजय दंपत्ति, भारतीय संसद के दोनों सदनों के सांसदों समेत 30 लोगों ने इसमें भाग लिया।
लुओ चाओहुइ ने भाषण देते हुए इस संगठन द्वारा, खास कर विजय द्वारा चीन-भारत मित्रवत आवाजाही को आगे बढ़ाने के लिए किए गए योगदान का आभार व्यक्त किया और कहा कि चीन भारत के साथ मिलकर नियमित संसद आदान-प्रदान व्यवस्था और चीन-भारत संसद मंच जैसे ढांचे के तले विविधतापूर्ण आदान-प्रदान कार्यक्रम आयोजित करना चाहता है और आपसी लाभ और सहयोग पर केंद्रित होकर संवेदनशील मुद्दों का अच्छी तरह निपटारा करने को तैयार है। ताकि चीन भारत संबंधों के विकास में नई प्रेरक शक्ति का संचार किया जा सके। राजदूत लुओ ने दलाई लामा से जुड़े मुद्दे को लेकर चीन के रुख की भी व्याख्या की।
वहीं विजय ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों की सरकार, संसद, ओद्योगिक वाणिज्यिक जगतों के समान प्रयास से भारत-चीन संबंधों का तेज़ विकास हो रहा है, जिससे दोनों देशों और दोनों देशों की जनता को वास्तविक लाभ मिला है। भारत चीन को लेकर अपने संबंधों पर महत्व देता है और उम्मीद करता है कि चीन के साथ आपसी लाभ वाले सहयोग मज़बूत करेगा, मतभेदों का अच्छी तरह निपटारा करेगा। ताकि समान समृद्धि साकार हो सके और साथ साथ एशियाई शताब्दी की स्थापना की जा सके।
सत्कार समारोह में दोनों देशों के लोगों ने विभिन्न क्षेत्रों में मित्रवत आदान प्रदान और वास्तविक सहयोग पर विचार विमर्श किया।
(श्याओ थांग)
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