उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने 30 मार्च को वहां स्थित विदेशी राजनयीकों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और विदेशी मीडिया के प्रतिनिधियों को बुलाकर कहा कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्याभ्यास ने कोरियाई प्रायद्वीप को युद्ध की तरफ़ धकेल दिया है। इसलिये अगर इस क्षेत्र में कोई युद्ध होता है तो उसकी जिम्मेदारी अमेरिका की ही होगी।
उत्तर कोरिया के उप विदेशमंत्री सिन होंग चोल ने अपने बयान में कहा कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने सैन्याभ्यास में 3 लाख सैनिकों के साथ परमाणु वाहक और रणनीतिक बमवर्षक विमान भेजे हैं। इसके अलावा कई विशेष गुप्त टुकड़ियां भी भेजी गई हैं जिन्होंने अन्य देश में बिहेडिंग ऑप्रेशन चलाया था। उनका उद्देश्य उत्तर कोरिया के नेतृत्वकारी विभाग, परमाणु हथियार और रॉकेटों के अड्डे को नष्ट करना है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने 27 मार्च को कहा था कि उत्तर कोरिया की सेना द्वारा जारी बयान धौंस देने और उकसाने वाला है।
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