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चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने 18 जनवरी को जिनेवा स्थित पैलेस ऑफ नेशन्स में "मानव जाति के समान भाग्य वाले समुदाय की स्थापना पर विचार विमर्श" के विषय पर उच्च स्तरीय सम्मेलन में भाग लिया और "एक साथ मानव जाति के समान भाग्य वाले समुदाय की स्थापना" के शीर्षक पर भाषण दिया। उन्होंने गहन, विस्तृत और व्यवस्थित रूप से मानव जाति के समान भाग्य वाले समुदाय की विचारधारा की व्याख्या की। उनके विचार में इस महान प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए बातचीत और विचार विमर्श, समान निर्माण और समान साझा करना, सहयोग और समान जीत, आदान-प्रदान और एक दूसरे से सीखना, हरित और कम कार्बन जैसे क्षेत्र पर कायम रहना चाहिए, ताकि एक स्थाई शांति, आम सुरक्षा, समान समृद्धि, खुले और समावेशी, स्वच्छ और सुन्दर दुनिया की स्थापना की जा सके।
शी चिनफिंग ने भाषण देते हुए कहा कि चीन प्रभुसत्ता और समानता पर कायम रहते हुए विभिन्न देशों के अधिकारों की समानता, अवसरों की समानता और नियमों की समानता को आगे बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि खुले और समावेशी विचारों से ही जिनेवा में बहुपक्षीय कूटनीतिक मंच स्थापित हुआ है। हमें अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लोकतंत्रीकरण को मज़बूत करना चाहिए, न कि "एक देश का प्रभुत्व" और "कुछ पक्षों का समान प्रशासन" करना। विश्व का भाग्य विभिन्न देशों द्वारा समान रूप से हाथ पकड़ना चाहिए, अंतर्राष्ट्रीय नियम को विभिन्न देशों द्वारा बनाया जाना चाहिए। भूमंडलीय मामलों का विभिन्न देशों को मिलकर एकसाथ निपटारा करना चाहिए और विकास के फलों को विभिन्न देशों को एक साथ बांटना चाहिए।
शी चिनफिंग ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को साझेदार संबंध, सुरक्षा के ढांचे, आर्थिक विकास, सभ्यताओं का आदान-प्रदान और पारिस्थितिक निर्माण जैसे पहलुओं में प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बातचीत और सलाह मशविरे पर कायम रहते हुए एक स्थाई शांति वाली दुनिया की स्थापना की जाए। समान निर्माण और साझा करने से एक आम सुरक्षा वाली दुनिया का निर्माण किया जाना चाहिए। सहयोग और समान जीत पर कायम रहते हुए एक समान समृद्धि वाली दुनिया की स्थापना की जाए। आदान-प्रदान और एक दूसरे से सीखना जारी रखते हुए एक खुली और समावेशी दुनिया का निर्माण किया जाए। हरित और कम कार्बन स्तर को कायम रखते हुए एक स्वच्छ और सुन्दर दुनिया की स्थापना की जाए।
अपने भाषण में शी चिनफिंग ने चीनी नीति के चार अपरिवर्तनों की व्याख्या की। पहला, चीन का विश्व शांति को बनाए रखने का संकल्प नहीं बदलेगा। दूसरा, चीन का समान विकास को आगे बढ़ाने का संकल्प नहीं बदलेगा। तीसरा, चीन का साझेदार संबंध के निर्माण वाला संकल्प नहीं बदलेगा। और चौथा, चीन का बहुपक्षवाद के समर्थन वाला संकल्प भी नहीं बदलेगा।
अपने भाषण के अंत में शी चिनफिंग ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के संस्थापक देश के रूप में हाल के वर्षों में चीन ने ईरानी परमाणु मुद्दे और सीरियाई मुद्दे जैसे गर्म मुद्दों की वार्ता और बातचीत में सक्रिय रूप से भाग लिया और इन मामलों के राजनीतिक समाधान के लिए अपना योगदान किया। भविष्य में चीन विश्व के मामलों में संयुक्त राष्ट्र की मूल भूमिका को बनाए रखने और इसे आगे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास करता रहेगा।
(श्याओ थांग)
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