|
भारत स्थित चीनी राजदूत लो चाओह्वेई भाषण देते हुए
भारत के मुंबई विश्वविद्यालय के ची श्येनलिन अध्ययन केंद्र ने 10 जनवरी को कार्यक्रम आयोजित कर चीन की सहायता करने वाले डॉक्टर द्वारकानाथ कोटनिस के प्रति चीनी स्वर्गीय राष्ट्राध्य माओ ज़तुङ की समाधि-लेख का अनावरण किया।
समाधि-लेख का मरम्मत कार्य कोटनिस के जन्मस्थान महाराष्ट्र में किया गया। इस लेख की चौड़ाई 82 सेंटीमीटर है, और ऊंचाई 172 सेंटीमीटर है। जो कि 29 दिसंबर 1942 को लिखा हुआ है। इसमें यह लिखा है कि भारतीय दोस्त डॉक्टर कोटनिस बहुत दूर से चीन आए, उन्होंने चीन के जापान विरोधी युद्ध में सहायता दी। येनआन में वे पांच साल तक रहे। इसदौरान वे लगातार चिकित्सा काम करते रहे। उनके निधन पर हम बहुत दुःखी हुए, हमने एक अच्छा दोस्त खो दिया। हम डॉक्टर कोटनिस की अंतर्राष्ट्रीयता की भावना को हमेशा याद रखेंगे।
चंद्रिमा
आपके विचार (0 टिप्पणियां)
![]()
कोई टिप्पणी नहीं
powered by changyan
|
![]() |
© China Radio International.CRI. All Rights Reserved. 16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040 |