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राजदूत लुओ चाओहुइ ने इन मीडिया संस्थाओं के संवाददाताओं के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि वर्ष 2016 चीन-भारत संबंध के इतिहास में महत्वपूर्ण साल है, जो इन तीन पहलुओं में देखा जाता है।
पहला, चीन-भारत संबंध के स्थिर विकास में प्रगति हासिल हुई है। इस वर्ष दोनों देशों का संबंध आम तौर पर स्थिर रहा है, जिसके विकास में नई प्रगति हासिल हुई। दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय आवाजाही अधिक रही और वास्तविक सहयोग का लगातार प्रचालन किया जा रहा है। सैन्य और सुरक्षा सहयोग में नया अध्याय जोड़ा गया है, स्थानीय और मानविकी सहयोग में उपल्बधियां प्राप्त हुई हैं।
दूसरा, चीन-भारत संबंध कठिन स्थिति में फिर भी आगे बढ़ रहा है। इस वर्ष चीन और भारत के संबंध में कुछ उतार-चढ़ाव और दिक्कतें सामने आईं। लेकिन दोनों देश फिर भी सक्रिय हैं। वार्ता और संपर्क के माध्यम से संवेदनशील मतभेदों का अच्छी तरह प्रबंधन और नियंत्रण किया गया। इसे "हार्ड मुद्दे" केe "सोफ्ट लैंडिंग" कहा जा सकता है।
तीसरा, चीन और भारत हाथ मिलाकर आगे बढ़ते रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय स्थिति बहुत जटिलपूर्ण होने, विश्व अर्थतंत्र के पुनःउत्थान में कमजोर होने और अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था व राजनीति में अनिश्चित तत्व बढ़ने की पृष्ठभूमि में चीन और भारत को बड़ी बुद्धि दिखाकर बड़ा सहयोग करना चाहिए। स्पष्ट रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाकर एशियाई शताब्दी के समान निर्माण करना चाहिए।
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