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(GMT+08:00) 2008-01-24 16:05:11    
चीन आर्थिक वृद्धि की अति तेज गति रोकने की कोशिश करेगा

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चीनी राष्ट्रीय सांख्यकि ब्यूरो ने 24 तारीख को यह घोषित किया कि वर्ष 2007 की चीन आर्थिक वृद्धि दर 2006 से 11.4 प्रतिशत अधिक बढ़ी ।इस तरह लगातार पांच सालों तक चीन की आर्थिक वृद्धि दर दस प्रतिशत से अधिक रही । ब्यूरो के प्रधान श्री श्ये फुच्यान ने कहा कि 2007 का चीन का आर्थिक विकास स्थिर व तेज गति से चला । लेकिन उन्हों ने यह भी बताया कि वर्तमान चीन के आर्थिक संचालन में अति तेज होने का खतरा मौजूद है, जिसे रोकने के लिए आगे कदम उठाना चाहिए ।

चीनी राज्य परिषद के प्रेस कार्यालय द्वारा 24 तारीख को आयोजित न्यूज ब्रिफींग में चीनी राष्ट्रीय सांख्यकि ब्यूरो के प्रधान श्री श्ये फुच्यान ने कहा कि वर्ष 2007 में चीन की आम आर्थिक स्थिति अच्छी थी । उन्हों ने कहाः

2007 में चीन के आर्थिक विकास में तेज और स्थिर वृद्धि बनी रही और ढांचा श्रेष्ठकृत हुआ , लाभांश उन्नत हुई तथा जनजीव के सुधार होने की अच्छी स्थिति बनी ।

प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार 2007 में चीन का कुल घरेलू उत्पादन मूल्य 240 खरब य्वान को पार कर गया , जो 2006 से 11.4 प्रतिशत अधिक है और 1995 के बाद सब से तेज वृद्धि हुई है । 2007 में अचल संपत्ति के लिए पूंजी के निवेश में 24.8 प्रतिशत का इजाफा हुआ और कृषि , उद्योग और सेवा उद्योग में तेज बढ़ोत्तरी हुई और कृषि में 1985 के बाद अनाज की पैदावार में प्रथम बार लगातार चार सालों तक शानदार फसल काटी गयी ।

पूंजी का निवेश इन दो सालों में चीन के तेज आर्थिक विकास का अहम कारक है । श्री श्ये ने कहा कि 2007 में विदेशी पूंजी पर चीन की निर्भरता काफी बड़ी थी । अतएव, नए दौर के तेज वृद्धि के लिए बड़े पैमाने वाली उपभोक्ता मांग बढ़ाने की जरूरत है , बेशक वर्तमान में चीन में उपभोक्ता की प्रेरक शक्ति काफी नहीं है।

श्री श्ये फुलच्यान के अनुसार भविष्य में चीन की आर्थिक वृद्धि ज्यादा देश की बढ़ती हुई घरेलू मांग पर निर्भरत करेगी , खास कर देश के आंतरिक उपभोक्ता मांगों की वृद्धि के जरिए आर्थिक वृद्धि को बढ़ाया जाना चाहिए।

उपभोक्ता की मांग बढ़ाने के लिए चीजों के दामों को स्थिर बनाए रखना चाहिए। स्पष्ट है कि चीन में दामों की भारी वृद्धि के कारण घरेलू उपभोक्ता अपर्याप्त हुई है । 2007 में चीजों के दामों में 12.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई । पेइचिंग निवासी सुश्री छाई होंग ने कहाः

उसे लगता है कि अब हर चीज का दाम बढ़ रहा है , दूध का दाम रोज बदलता है , फल . साग सब्जी और गोश्त के दाम भी उछल रहे हैं और मकान का दाम जो फिलहाल घटा है , वह भी अधिक नहीं है ।

श्री श्ये के मुताबिक 2007 में चीजों के दामों में हुई वृद्धि के कारणों में उत्पादन मात्रा की कमी का सवाल भी है और ढांचागत कारण भी । देश का आंतरिक कारण भी है और अन्तरराष्ट्रीय कारकों का प्रभाव भी । इसलिए चीजों के दामों में वृद्धि पर लगाम लगाने के लिए बहुमुखी कदम उठाना चाहिए।

बड़े पैमाने का व्यापार संतुलन चीन की तेज आर्थिक वृद्धि का एक अहम कारण है । 2007 में चीन के पक्ष में व्यापार संतुलन 2 खरब 60 अरब अमरीकी डालर है , जो 2006 से 84 अरब 70 करोड़ अधिक है । अन्तरराष्ट्रीय आय व्यय के असंतोलन को दूरूस्त करने के लिए चीन ने इधर के सालों में अनेक कदम उठाए हैं । जैसा कि चीन सरकार ने कुछ उत्पादों के निर्यात के लिए कर वसूली की वापसी में हेरफेर किया और आयात का पैमाना बड़ा बढाया है ।

आर्थिक वृद्धि में अति तेज गति को रोकने के लिए भी चीन सरकार ने सिलसिलेवार कदम उठाए । जैसा कि कुछ उत्पादों के निर्यात पर चुंगी दर बढायी गयी , अहम उत्पादों व सजो सामानों के आयात के लिए उदार कर वसूली नीति लागू हुई और वित्तीय क्षेत्र में 2007 में चीनी केन्द्रीय बैंक ने दस बार बैंक रिजर्व रिक्वाइरेमेंट दर बढ़ायी गयी आदि आदि ।

2008 में चीन की आर्थिक स्थिति पर श्री श्ये ने आशावान रूख व्यक्त किया है । चीनी अर्थशात्री श्री चांग सुक्वांग ने कहा कि चीन की आर्थिक वृद्धि दर 10 प्रतिशित होगी । उन्हों ने कहाः

इस साल चीन की दस प्रतिशत की आर्थिक दर प्राप्त हो सकेगी । हालांकि अब विश्व अर्थतंत्र में मंदी आ रही है , चीन की आर्थिक वृद्धि दर भी थोड़ी कम होगी । पर चीन की आर्थिक वृद्धि तेज और स्थिर होगी ।