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(GMT+08:00) 2008-01-24 15:44:48    
कास्मेटिकस के प्रयोग में खतरनाक तत्वों पर ध्यान रहो

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कास्मेटिकस महिलाओं के लिए आवश्यक रोज़मर्रा की चीज़ें हैं । लेकिन लोगों का शायद इस बात पर काफी ध्यान नहीं गया कि कुछ कास्मेटिक की कुछ चीज़ों में मानव शरीर के लिए हानिकर तत्व भी मौजूद होते हैं । हालिया रिपोर्टों के मुताबिक कास्मेटिक सामग्री में अक्सर भारी धातु का पता लगाया गया है , जो मानव के स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है .

कुछ समय पूर्व चीनी राजकीय गुणवत्ता जांच व संगरोधन ब्यूरो ने घोषित किया कि आयातित विदेशी कास्मेटिक सामग्री में भारी धातु क्रोमियम और न्योडायमियम का पता लगाया गया है । दीर्घकाल तक कास्मेटिकस की इन चीज़ों का इस्तेमाल करने से मानव के शरीर में भारी धातुओं की अधिकता की वजह से मानव की त्वचा और आंखों पर कुप्रभाव पड़ता है और त्वचाशोथ और एकजिमा पैदा हो जाते हैं । पेइचिंग रसायनिक उद्योग विश्वविद्यालय के जीव विज्ञान अकादमी के प्रधान प्रोफेसर थैन थिएन पेइ ने संवाददाताओं से कहा कि भारी धातु रोजाना जीवन में उपयोगी तत्व है , पर कास्मेटिक की चीज़ों में इन के शामिल होने से नुकसान होने का खतरा अधिक है।

कास्मेटिक की चीज़ों में भारी धातुओं के शामिल होने से बहुत से खतरे पैदा हो सकते हैं । क्योंकि मानव की त्वचा में धातुओं का सामान्य तौर पर विलय नहीं किया जा सकता है । इसलिए मानव के शरीर में ये धातुएं धीरे-धीरे जमा होती रहती हैं और अन्त में आदमी एन्डोक्रिनोपैथी से ग्रस्त हो सकते हैं ।

लेकिन कारखानों में भला क्यों कास्मेटिक की सामग्री बनाते समय भारी धातुओं का प्रयोग किया जातै है । विशेषज्ञों का कहना है कि क्योंकि कास्मेटिक सामग्री में भारी धातुओं को शामिल करने से कास्मेटिक सामग्री की गुणवत्ता का सुधार किया जा सकता है , और ऐसी कास्मेटिक सामग्री का इस्तेमाल करने से त्वचा अधिक उजली और पुष्ट बन सकेगी । इसलिए कारखाने में कास्मेटिक सामग्री बनाते समय त्वचा का संरक्षण करने तथा सजावट करने वाली कास्मेटिक सामग्री में तथा फाउंडेशन क्रीम में कुछ भारी धातुओं को शामिल कर लिया जाता है ।

पेइचिंग में पाबरिक मामले में काम करने वाली सुश्री ली यन फंग ने कुछ कास्मेटिक सामग्री में भारी धातुओं के शामिल होने की खबर सुनी । उन्होंने ऐसी कास्मेटिक सामग्री का दीर्घकाल तक प्रयोग किया है । बुरी खबर सुनने के बाद उन्हें आशंका हुई ।

भारी धातुओं की रिपोर्ट सुनकर मैं ने कास्टमिक की इन सब चीज़ों को छोड़ दिया है । पर मुझे चिन्ता है कि इन भारी धातुओं से मेरे स्वास्थ्य पर कुप्रभाव पड़ेगा । क्योंकि ये धातु कास्टमिक सामग्री के साथ मेरी त्वचा के भीतर जज्ब हो चुकी हैं , इसलिए मुझे आशंका है कि मेरे शरीर को हानि पहुंच सकती है ।

चीन के चीनी परंपरागत चिकित्सा पद्धति कालेज की डाक्टर सुश्री सुंग पिंग ने कहा कि कास्टमिक सामग्री का प्रयोग करने वाले स्वयं ही अपने शरीर में एनाफिलेक्ट़ॉयड का पता लगा सकते हैं । उन्हों ने कहा कि अगर आप की त्वचा पर लाल रंग के चकत्ते , दाग और कभी-कभी उन में खुजली हो रही है , तब तो आप को एनाफिलेक्ट़ॉयड हुआ है यह कहा जा सकता है ।

सुश्री सुंग ने कहा कि अगर आप की त्वचा पर एनाफिलेक्ट़ॉयड पैदा हो गया है, तो आप को तुरंत ही ऐसे किस्म वाली कास्टमिक सामग्री का प्रयोग पूरी तरह बन्द कर देना चाहिये , और पानी व बर्फ से प्रभावित हुई त्वचा पर लेप करना चाहिये । आम तौर पर मानव की त्वचा की स्वयं ही बहाली हो सकती है । इसलिए कास्टमिक सामग्री अच्छी नहीं होने का पता लगते ही इस का प्रयोग बंद करने के बाद गंभीर परिणाम नहीं होगा । लेकिन अगर आप दूसरों से अधिक संवेदनशील हैं , या आप की त्वचा पर कोई न कोई चोट है , तो आप को कास्टमिक सामग्री के प्रयोग में अधिक सावधान रहना ही चाहिये ।

लेकिन यह आशंका रखने की ज़रूरत नहीं है कि सभी कास्टमिक की सभी सामग्री में भारी धातु शामिल होती हैं । डॉक्टरों का कहना है कि बहुत सी कास्टमिक सामग्री में भारी धातुओं का अस्तित्व होता है , पर इन की मात्रा इतनी कम होती है कि आप इस की उपेक्षा कर सकते हैं । और लोगों द्वारा कास्टमिक सामग्री का रोजाना प्रयोग करने के बावजूद त्वचा को प्राप्त भारी धातु की मात्रा कम ही रहती है , इसलिए इस पर अधिक चिन्तित होने की आवश्यकता नहीं है ।

डॉक्टर का कहना है कि लोग आम तौर पर रोज़ केवल एक या दो ग्राम कास्टमिक सामग्री का इस्तेमाल करते हैं , इसमें भारी धातुओं की मात्रा अत्यंत कम होती है , और इन से शरीर को होने वाली क्षति भी नगण्य ही होती है । अगर चिंता हो , तो आप अस्पताल में अपने शरीर में सूक्ष्म तत्वों की जांच करवा सकती हैं ।

लेकिन डॉक्टर का यह कहना भी है कि उपभोक्ताओं को अपने शरीर की विशेषता के अनुसार कास्टमिक सामग्री चुननी चाहिये । जैसे कुछ लोगों की त्वचा तेलीय होती है , कुछ की सूखी होती है , और कुछ अन्य प्रकार की भी हो सकती है । भिन्न-भिन्न किस्म वाली त्वचा के लिए अलग-अलग कास्टमिक सामग्री चुनने की ज़रूरत है । जैसे अगर आप की त्वचा तेलीय है , तो आप को कम तेल वाली कास्टमिक सामग्री चुननी चाहिये । पर अगर आप की त्वचा सूखी हो , तो आप ज्यादा तेल एवं पोषण वाली कास्टमिक सामग्री का प्रयोग कर सकते हैं । इस के अलावा मौसम और आसपास का वातावरण भी कास्टमिक सामग्री के चयन से संबंधित हैं । पर याद रहे कि कास्टमिक सामग्री में सुगंधित चीज़ें ,अल्कोहल ,एंटीसैप्टिक और रंगीन तत्व आदि का शामिल होना अच्छा नहीं है । कास्टमिक सामग्री जितनी शुद्ध हो ,उतना ही अच्छा है ।

कास्टमिक सामग्री खरीदते समय वस्तुओं की पैकिंग और उस पर छपे विवरण को ध्यानपूर्वक पढ़ना चाहिए , क्योंकि इसमें मूल्यवान सूचनाएं शामिल रहती हैं । और यह सुझाव भी है कि कास्टमिक सामग्री के प्रथम बार प्रयोग करने से पहले इसे बांह जैसी जगह पर लगा कर देख लेना चाहिए कि कहीं खुजली या जलन आदि तो नहीं हो रही, पुष्टि करने के बाद ही चेहरे पर इस का प्रयोग करना चाहिये । और इस बात का भी ध्यान रखिये कि हद से अधिक कास्टमिक सामग्री ठीक नहीं है , क्योंकि चेहरे की हद से ज्यादा लीपापोती करना हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है ।