पाकिस्तान के राष्ट्रपति श्री मुशर्रफ 20 तारीख को बेल्जियम , फ्रांस , स्वीट्जरलैंड और ब्रिटेन की यात्रा करेंगे और टावॉस विश्व आर्थिक मंच के वार्षिक सम्मेलन में भाग लेंगे । यह श्री मुशर्रफ के सेना का पद त्याग कर पुनः राष्ट्रपति बनने के बाद उनकी प्रथम विदेश यात्रा है । लोकमत का कहना है कि श्री मुशर्रफ की मौजूदा यूरोप यात्रा का मकसद पाकिस्तान और इन चार देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और यूरोप का विश्वास व समर्थन प्राप्त करना है ।
पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता श्री मुहम्मद सादिक ने हाल में श्री मुशर्रफ की यूरोप यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि उन की यात्रा का पहला पड़ाव बेल्जियम है , वहां श्री मुशर्रफ यूरोपीय संघ के नेताओं के साथ वार्ता करेंगे और यूरोपीय संसद की वैदेशिक मामला कमेटी में भाषण देंगे । इस के बाद श्री मुशर्रफ बेल्जियम के प्रधान मंत्री वेर्होफस्टाड के साथ वार्ता करेंगे । 21 और 22 तारीख को श्री मुशर्रफ फ्रांस की यात्रा करेंगे और फ्रांसीसी राष्ट्रपति सार्कोजी के साथ वार्ता करेंगे । 23 से 25 तारीख तक वे स्वीट्जरलैंड के टावॉस में जा कर विश्व आर्थिक मंच के वार्षिक सम्मेलन में भाग लेंगे और वहां अनेक विदेशी नेताओं के साथ भेंटवार्ता करेंगे । 26 से 28तारीख तक श्री मुशर्रफ ब्रिटेन की यात्रा करेंगे तथा प्रधान मंत्री ब्राउन के साथ वार्ता करेंगे ।
द्विपक्षीय सहयोग , खास कर आर्थिक व व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा देना श्री मुशर्रफ की मौजूदा यूरोप यात्रा का मुख्य मकसद है । यूरोपीय संघ पाकिस्तान का सब से बड़ा व्यापार साझेदार है , दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय व्यापार की वार्षिक रकम 9 अरब अमरीकी डालर तक पहुंची है । यूरोपीय संघ पाकिस्तान में सब से बड़ा निवेशक भी है । यात्रा के दौरान श्री मुशर्रफ वहां के उद्योग व वाणिज्य क्षेत्र के नेताओं से मुलाकात करेंगे और इन देशों के साथ पाकिस्तान के आर्थिक व्यापारिक संबंधों को बढावा देने की कोशिश करेंगे ।
श्री मुशर्रफ की यात्रा का दूसरा अहम मकसद है आतंक विरोध सवाल तथा अफगानिस्तान सवाल पर यूरीपीय देशों के साथ सलाह मशविरा करना । पाकिस्तान अफगानिस्तान से जुड़ा है , इस भौगोलिक स्थिति के कारण वह 11 सितम्बर घटना के बाद आतंक विरोधी मोर्चे की अग्रिम पंक्ति बन गया है । वर्तमान अफगानिस्तान में सुरक्षा की स्थिति अच्छी नहीं है , हिंसक घटनाएं हुआ करती हैं । इस महीने की 14 तरीख को अफगान राजधानी काबुल में स्थित देश के एकमात्र पांच सितारा होटल पर तालिबान की सशस्त्र शक्ति द्वारा प्रहार किया गया , जिस से 7 लोग मारे गए और 6 घायल हुए । हमले के समय अफगानिस्तान की यात्रा कर रहे नार्वे के विदेश मंत्री स्टोएरे होटल में अफगान संबंधित पक्ष के साथ भेंट वार्ता कर रहे थे । यह 2001 में तालिबान की सत्ता पलटी जाने के बाद तालिबान की बची खुची सशस्त्र शक्ति द्वारा सीधे विदेशी लोगों के खिलाफ किया गया सशस्त्र हमला है । पश्चिमी देशों को आतंक विरोध के पहलु में पाकिस्तान की कार्यक्षमता पर हमेशा संदेह हो रहा है । श्री मुशर्रफ अपनी मौजूदा यात्रा के दौरान यूरोपीय देशों के नेताओं को आतंक विरोध के बारे में पाकिस्तान की कोशिशों से अवगत कराएंगे ।
अन्तरराष्ट्रीय समुदाय में पाक की छवि निखारना तथा पाक पर पश्चिमी देशों का विश्वास पुनः कायम कराना श्री मुशर्रफ की यात्रा का एक और अहम मकसद है । पिछले साल से पाकिस्तान में सिलसिलेवार घटनाएं हुईं , जिस ने विश्व का ध्यान खींच लिया । श्री मुशर्रफ और पूर्व पाक प्रमुख न्यायाधीश चौधरी के बीच झगड़ा , लाल मस्जिद घटना , पाकिस्तान में आपात काल तथा पूर्व प्रधान मंत्री , पीपुल्स पार्टी की अध्यक्ष बेगम बेनजीर भुट्टो की हत्या घटना ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय में पाक की छवि को नुकसान पहुंचाया है । पश्चिम ने अनेक बार पाक की जनवादी प्रक्रया पर चिंता जतायी है । राष्ट्र मंडल ने पाकिस्तान की सदस्यता भी स्थगित की है , इसलिए पाकिस्तान अपने के प्रति यूरोपीय देशों का दृष्टिकोण बदलने के बेताब है ।
इस के अलावा पाक आम चुनाव होने वाला है , चुनाव पाक स्थिति के डांवडोल होने के कारण 18 फरवरी तक स्थगित किया गया , अंततः पाक संसद चुनाव की न्यायिकता पश्चिमी देशों के ध्यान का मुद्दा बन गया। यूरोपीय संघ ने पाक चुनाव का निरीक्षण करने के लिए अन्तरराष्ट्रीय पर्यवेक्षक भेजने की भी सोच की है । श्री मुशर्रफ ने अनेक बार कहा कि पाकिस्तान संसद चुनाव को स्वतंत्र , न्यायपूर्ण और पारदर्शी होने की गारंटी देगा और अन्तरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों का स्वागत करेगा । संभव है कि मुशर्रफ यात्रा के दौरान पाक संसद चुनाव के तैयारी काम के बारे में जानकारी देंगे और चुनाव की न्यायिकता की गारंटी का वायदा देंगे , ताकि पश्चिमी देशों की चिंग और संदेह मिट जाए ।
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