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(GMT+08:00) 2008-01-17 17:18:10    
चीन सक्रिय रूप से समुद्री वैज्ञानिक अनुसंधा करेगा

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चीन का प्रथम समुद्री विज्ञान तकनीक सम्मेलन 4 तारीख को पेइचिंग में आयोजित हुआ , जिस में चीनी राष्ट्रीय विज्ञान तकनीक विभागों और समुद्री मामला विभागों के अधिकारियों ने कहा कि चीन भविष्य में समुद्री वैज्ञानिक व तकनीकी अनुसंधान का निरंतर विकास करेगा और देश के समुद्र विकास कार्य की गति तेज करेगा ।

चीनी विज्ञान तकनीक मंत्रालय के उप मंत्री श्री ली श्वे यङ ने सम्मेलन में कहा कि वर्तमान विश्व में विभिन्न देशों द्वारा समुद्री दोहन व विकास की गति लगातार तेज की जा रही है और उन में समुद्री अधिकारों व संसाधनों को अपने हाथ में ले लेने की प्रतिस्पर्धा भी दिनोंदिन तीव्र होती जा रही है । चीन के पास दस हजार किलोमीटर लम्बी समुद्र सीमा है , इसलिए समुद्री विज्ञान तकनीक अनुसंधान की गति तेज करने तथा अपने समुद्री अधिकारों व हितों की रक्षा करना निहायत जरूरी है । उन्हों ने कहाः समुद्र संबंधी होड़ किसी देश की बहुमुखी राष्ट्रीय शक्ति की प्रतिबिंब है , यह असल में एक वैज्ञानिक व तकनीकी प्रतिस्पर्धा है । देश की रणनीतिक आवश्यकता तथा तीव्र होती जा रही समुद्र संबंधी होड़ के मुद्देनजर समुद्री विज्ञान तकनीक के अधिक विकास को समर्थन बढ़ाना तथा स्वतंत्र सृजन पर बल लगाना बहुत आवश्यक है , केवल इस से अपने देश की समुद्री प्रभुसत्ता , उस के अधिकारों व हितों की रक्षा करने में हम सक्षम हो सकें , समुद्री आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जा सके और समुद्री सुरक्षा व पर्यावरण का संरक्षण किया जा सके ।

चीन हमेशा से समुद्री विज्ञान तकनीक अनुसंधान पर महत्व देता रहा है और समुद्री विज्ञान व तकनीक के प्रयोग में काफी प्रगति प्राप्त हुई है । लेकिन विकसित देशों की तुलना में चीन अभी बहुत पिछड़ा हुआ है । चीन को अहम समुद्री तकनीकों के अनुसंधान में भारी प्रगति कम मिली है और स्वतंत्र सृजन की शक्ति कमजोर है और समुद्री विज्ञान तकनीक संसाधानों का कारगर इस्तेमाल नहीं किया गया ।

इस कमी को दूर करने के लिए भविष्य में चीन समुद्री विज्ञान तकनीक अनुसंधान में अधिक निवेश करेगा और विभिन्न मुद्धों के समुद्री विज्ञान तकनीकी अनुसंधानों की गारंटी देगा । चीनी राष्ट्रीय समुद्र ब्यूरो के प्रधान श्री सुन ची ह्वी ने सम्मेलन में कहाः समुद्री विज्ञान तकनीक विकास एक अधिक जोखिम व अधिक निवेश जरूरी काम है । इस की सफलता के लिए प्रबल कमद उठाना चाहिए और ऐसी प्रभावकारी व लाभदायी समुद्री विज्ञान तकनीक निवेश व्यवस्था कायम की जानी चाहिए ,जिस में सरकार की मुख्य भूमिका हो , समाज , कारोबारों , निजी उद्योगों तथा विदेशी पूंजी की साझी भागीदारी हो । इस के लिए विभिन्न स्तरों की सरकारी वित्तीय विभागों , सुधार विभागों , विज्ञान तकनीक विभागों और समुद्री विज्ञान अनुसंधान संस्थाओं का वित्तीय समर्थन पाने की कोशिश की जानी चाहिए , ताकि आने वाले पांच सालों में समुद्री विज्ञान तकनीक अनुसंधान में नया निवेश बीते पांच सालों से ज्यादा अधिक हो ।

सूत्रों के अनुसार चीन आगे निकटस्थ समुद्रों के संसाधनों के सर्वेक्षण व आकलन की गति तेज करेगा , सिलसिलेवार समुद्र सर्वेक्षण उपग्रह छोड़ेगा , संपूर्ण समुद्री पर्यावरण निगरानी व सर्वेक्षण जाल बिछाएगा , समुद्री संसाधनों के बड़े पैमाने वाले इस्तेमाल को मुर्त रूप देगा तथा नए समुद्र संबंधी उद्योगों का विकास करेगा और देश की ऊर्जा आवश्यकता की गारंटी के लिए समुद्री संसाधनों की आपूर्ति शक्ति बढाएगा ।

चीन दक्षिणी ध्रुवी क्षेत्र में अपना तीसरा सर्वेक्षण स्टेशन कायम करेगा । चीनी राष्ट्रीय समुद्र ब्यूरो के ध्रुवी क्षेत्र कार्यालय के प्रधान श्री वांग यङ ने कहा कि अब चीन दक्षिण ध्रुवीय इलाके में दो विज्ञान स्टेशन कायम कर चुका है ,चीन का तीसरा स्टेशन ध्रुवीय क्षेत्र के भीतरी इलाके में होगा । उन्हों ने कहाः विभिन्न देशों के दक्षिण ध्रुवी सर्वेक्षण स्टेशन अधिकांश समुद्र तटीय क्षेत्र में हैं , अब अनेक देशों ने इस के भीतरी इलाके में बढ़ने की कोशिश की है , चीन जो तीसरा स्टेशन कायम करेगा ,उस से दक्षिणी ध्रुव में चीन के वैज्ञानिक अनुसंधान की क्षमता बढाने में मदद मिलेगी ।

सूत्रों के अनुसार चीन भविष्य में समुद्री विज्ञान अनुसंधान के क्षेत्र में अन्तरराष्ट्रीय सहयोग व आदान प्रदान बढ़ाता रहेगा और समुद्री विज्ञान के विकास के रूझान का अनुसरण करते हुए पहल के साथ अन्तराष्ट्रीय समुद्री विज्ञान योजना में भाग लेगा और अपनी श्रेष्ठता वाले विज्ञान विषयों पर क्षेत्रीय व पृथ्वीव्यापी समुद्री विज्ञान तकनीक अनुसंधान के नए विषयों में स्वतंत्र सृजन करने का प्रयास करेगा ।