दोस्तो , भारतीय प्रधान मंत्रीय श्री मनमोहन सिंह ने चीन की तीन दिवसीय औपचारिक यात्रा संतोषजनक रूप से समाप्त की , यह 2004 में प्रधान मंत्री का पद सम्भालने के बाद श्री मनमोहन की प्रथम चीन यात्रा है । लोकमत है कि श्री सिंह की मौजूदा चीन यात्रा ने चीन भारत रणनीतिक साझेदारी में नयी जीवनी शक्ति का संचार किया है ।
14 जनवरी के दोपहर बाद चीनी प्रधान मंत्री श्री वन चा पाओ ने जन बृहत सभा भवन में भारतीय प्रधान मंत्री श्री मनमोहन सिंह के सम्मान में एक भव्य रस्म आयोजिक की , यह चीन यात्रा प्रधान मंत्री श्री मनमोहन सिंह की नव वर्ष में अपनी प्रथम यात्रा ही है , जिस से पूर्ण रूप से अभिव्यक्त हुआ है उन्हों ने चीन भारत संबंधों को काफी महत्व दिया है । श्री मनमोहन सिंह ने वार्ता में प्रधान मंत्री वन चा पाओ से कहा हम चीन के साथ पारस्परिक लाभ वाले सहयोग के विकास को बहुत महत्व देते हैं । हमारे दोनों देशों के नेताओं के बीच आपसी यात्रा से हमारे बीच संबंध के विकास को प्रबल रूप से बढावा मिला है , इन आपसी यात्रा व आवाजाही से विश्व को साबित कर दिखाया गया है कि हम हमारे बीच आपसी समझदारी व विश्वास के संबंधों को मजबूत बनाने को संकल्पबद्ध हैं ।
वार्ता के बाद श्री वन चा पाओ ने देशी विदेशी पत्रकारों से दोनों पक्षों के बीच प्राप्त सहमतियों का परिचय देते हुए कहा हमारा विचार है कि चीन व भारत प्रतिद्वंद्वी के बजाये सहयोग का साझेदार है । चीन व भारत के बीच आपसी सम्मान , समझदारी , विश्वास व सहयोग के जरिये आपसी लाभ वाली समान जीत हासिल करना जरूरी है , चीन व भारत के बीच सहयोग की मजबूती एशिया और विश्व शांति व विकास के लिये फायदेमंद है ।
वार्ता की समाप्ति पर श्री वन चा पाओ व श्री सिंह ने 21 वीं शताब्दी की समान अभिलाषा के बारे में चीन व भारत के दस्तावेज को समान रूप से संपन्न किया है । इस दस्तावेज में दोनों देश इस बात पर राजी हुए हैं कि वे शांतिपूर्ण व समृद्धिशाली रणनीतिक साझेदारी के उन्मुख दोनों देशों के संबंधों का विकास करेंगे और स्थिर शांतिमय व समान समृद्धिशाली सामंजस्यपूर्ण विश्व के निर्माण को बढ़ावा देंगे । चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के प्रशांत एशिया अनुसंधानशाला के भारतीय सवाल विशेषज्ञ श्री ये लिन हाई का विचार है कि इस दस्तावेज का दोनों देशों के संबंधों के विकास के लिये मार्गदर्शक महत्व है ।
इस दस्तावेज ने चीन भारत संबंध के लगभग सभी पहलुओं का उल्लेख किया है , साथ ही चीन व भारत दोनों पक्षों की द्वीपक्षीय संबंधों के विकास व सहयोग को गहराई में बढ़ाने की बेहतरीन अभिलाषा भी अभिव्यक्त की है ।
15 जनवरी को श्री मनमोहन सिंह ने चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी में 21 वीं शताब्दी का भारत व चीन शीर्षक व्याख्यान दिया , इस व्याख्यान में भविष्य में व्यवस्थाओं की स्थापना , आर्थिक व्यापार , मानवता व पर्यावरण संरक्षण जैसे बहुत से क्षेत्रों में दोनों देशों के सहयोग की रूपरेखा निर्धारित की गयी है । उन्हों ने कहा कि भारत चीन के आर्थिक विकास में प्राप्त उल्लेखनीय उपलब्धियों का प्रशंसक है , इन भारी प्रगति से भारत बहुत प्रभावित हुआ है , दोनों पक्षों को 21 वीं शताब्दी के विशेष मौके के मुकाबले के लिये समान प्रयास करना चाहिये ।
व्याख्यान की समाप्ति पर चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ और चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थायी कमेटी के अध्यक्ष ऊ पांग क्वो ने क्रमशः श्री मनमोहन सिंह से भेंट की , इसी प्रकार श्री मनमोहन सिंह की तीन दिवसीय चीन यात्रा संतोषजनक रूप से समाप्त हो गयी ।
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