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(GMT+08:00) 2008-01-16 15:38:08    
श्री बुश की खाड़ी देशों की यात्रा

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दोस्तो, 16 तारीख को अमरीकी राष्ट्रपति बुश अपने आठ दिनों की मध्य पूर्व की यात्रा समाप्त करके स्वदेश के लिए मिस्र से रवाना हुए। वर्तमान में मध्य पूर्व की यात्रा के दौरान, श्री बुश ने खाड़ी देश कुवैत, बालीन, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब चार देशों की यात्रा की है। उन्होंने कहा कि ईरान खाड़ी क्षेत्र की सुरक्षा के लिए प्रमुख धमकी है।

श्री बुश की वर्तमान मध्य पूर्व यात्रा के दौरान क्यों उन्होंने मुख्यतः खाड़ी क्षेत्र की यात्रा की , इस की महत्वपूर्ण पृष्ठभूमि यह हैः

कि हाल में इस क्षेत्र में ईरान का प्रभाव दिन ब दिन बढ़ रहा है। गत वर्ष के मार्च व मई माह में ईरानी राष्ट्रपति श्री अहमदी नेजाद ने क्रमशः सऊदी अरब व संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा की थी। दिसम्बर माह में श्री नेजाद ने कत्तार के अमीर हामद बिन खलीफा के निमंत्रण पर दोहा में आयोजित खाड़ी अरब देशों की सहयोग कमेटी के शिखर-सम्मेलन में भी भाग लिया था। इस के बाद, सऊदी अरब के शाह श्री अब्दुल्लाह के निमंत्रण पर श्री नेजाद ने मक्का की तीर्थ यात्रा भी की। खाड़ी क्षेत्र में श्री नेजाद की सिलसिलेवार विदेशी गतिविधियों से श्री बुश को निस्संदेह यह महसूस हुआ कि यदि अमरीका खाड़ी देशों को नहीं समझाता है, तो ईरान के खिलाफ कार्यवाई करने की स्थिति में ये देश संभवतः अमरीका के साथ नहीं खड़े होंगे। इसलिए, श्री बुश ने विवश होकर नये वर्ष की शुरुआत में ही खुद खाड़ी देशों की यात्रा की और उन्हें समझाया, बुझाया।

श्री बुश ने खाड़ी क्षेत्र के छह देशों की यात्रा में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बालिन और कुवैत को चुना, जबकि खाड़ी क्षेत्र का अन्य एक महत्वपूर्ण देश कत्तार इस में शामिल नहीं है। विश्लेषकों का मानना है कि चूंकि गत वर्ष के दिसम्बर माह में कत्तार ने श्री नेजाद को खाड़ी सहयोग कमेटी के शिखर-सम्मेलन में भाग लने के लिए आमंत्रित किया था, जिस से इस क्षेत्र में नेजाद का प्रभाव बढ़ा है। इसलिए, इस बार श्री बुश ने जानबूझ कर कत्तार को नजरअंदाज किया। चूंकि संयुक्त अरब अमीरात का तीन द्वीपों की प्रभुसत्ता की समस्या पर ईरान के साथ विवाद होता रहता है, और प्रभुसत्ता की समस्या पर बालिन व ईरान के बीच भी झगड़ा हुआ है, इसलिए, श्री बुश ने उक्त दो देशों की यात्राएं कीं। मकसद खाड़ी क्षेत्र में ईरान के दिन ब दिन मजबूत हो रहे प्रभाव को कम करना है।

इस के अलावा, खाड़ी क्षेत्र के देशों के पास प्रचुर तेल संसाधन है, जबकि ईरान के पास भी प्रचुर तेल व गैस संसाधन हैं। हाल में अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम बढने से खाड़ी क्षेत्र के देशों व ईरान को लाभ हुआ है। ऊंचे तेल के दाम बरकरार रहने पर खाड़ी क्षेत्र के देशों व ईरान को समान लाभ होगा। जबकि दुनिया में सब से अधिक ऊर्जा का उपभोग करने वाले देश अमरीका को तेल के दामों पर खाड़ी क्षेत्र के देशों व ईरान के बीच सहमति अस्वीकार्य है। श्री बुश ने 15 तारीख को सऊदी अरब में कहा कि तेल के ऊंचे दामों ने अमरीका के आर्थिक विकास पर गंभीर प्रभाव डाला है। आशा है कि ओपेक व सऊदी अरब तेल के उत्पादन को बढ़ा सकेंगे।

क्षेत्रीय सुरक्षा समस्या पर ईरान से प्रतिस्पर्द्धा करना भी श्री बुश की वर्तमान यात्रा का मुख्य विषय है।

हाल में इराकी सुरक्षा समस्या पर अमरीका बहुत कठिन स्थिति में फंसा हुआ है। पड़ोसी देश इराक में जो अस्थिरता की स्थिति बनी हुई है ,उस से खाड़ी क्षेत्र के देश बड़े चिंतित हैं और आशा करते हैं कि अमरीका इराक में यथाशीघ्र ही स्थिरता लाने की कोशिश करेगा और क्षेत्रीय सुरक्षा की रक्षा कर सकेगा। हालांकि खाड़ी के देश भी यह नहीं देखना चाहते हैं कि ईरान इस क्षेत्र में एक शक्ति के रुप में उभरे , फिर भी अमरीका के विफल प्रयासों के कारण खाड़ी क्षेत्र के कुछ देशों को विवश होकर क्षेत्रीय स्थिरता के लिए ईरान से संपर्क करना पड़ा है। खाड़ी सहयोग कमेटी द्वारा श्री नेजाद को शिखर-सम्मेलन में भाग लेने देने का यह भी एक प्रमुख कारण है। इस के अलावा, ईरानी नाभिकीय समस्या पर अमरीका ईरान के खिलाफ लड़ाई छेड़ेगा या नहीं , यह भी अनिश्चित है। खाड़ी क्षेत्र के देशों ने कहा था कि वे अमरीका को ईरान पर हमला करने के लिए अपनी प्रादेशिक भूमि का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देंगे। इस से जाहिर है कि अपनी खुद की सुरक्षा के लिए खाड़ी क्षेत्र के देशों को अपनी-अपनी योजना बनानी पड़ रही है। वर्तमान यात्रा के दौरान, श्री बुश ने बार-बार बलपूर्वक कहा कि ईरान क्षेत्र के लिए धमकी है, जिस का वास्तव में अर्थ यह है कि अमरीका ही इस क्षेत्र की स्थिरता की रक्षा करने की सब से प्रमुख शक्ति है।

विश्लेषकों का मानना है कि हालांकि खाड़ी क्षेत्र के देशों व ईरान के बीच संबंधों का विकास बड़े हद तक यथार्थवादी मकसद से हुआ है, फिर भी इस क्षेत्र में ईरान का प्रभाव विस्तृत हो रहा है। श्री बुश की वर्तमान यात्रा से इस क्षेत्र में अमरीका व ईरान के बीच राजनयिक झगड़ा प्रतिबिंबित हुआ है।