चीन-भारत अर्थतंत्र, व्यापार, पूंजी और सहयोग शिखर-सम्मेलन 14 जनवरी को पेइचिंग में हुआ। चीनी उप प्रधान मंत्री श्री ह्वी ल्यांग यू और चीन की यात्रा कर रहे भारतीय प्रधान मंत्री श्री मनमोहन सिंह ने शिखर-सम्मेलन में भाषण दिए।
श्री ह्वी ल्यांग यू ने कहा कि वर्तमान में चीन और भारत के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग चतुर्मुखी रूप से विकसित हो रहा है, जिसमें आर्थिक सहयोग व व्यापार सबसे अच्छा है। पिछले साल दोनों देशों के बीच व्यापार 38 अरब डॉलर से अधिक रहा, जो वर्ष 1995 का 33 गुना है। और साथ ही परियोजनाओं के अनुबंध में दोनों देशों के बीच सहयोग का विस्तार हो रहा है। उन की आशा है कि दोनों देशों के उपक्रम एक दूसरे के पूरक होंगे और सहयोग के तरीकों व क्षेत्रों का विस्तार करने की कोशिश करेंगे।
श्री मनमोहन सिंह ने भाषण देते हुए चीन और भारत के बीच आर्थिक सहयोग व व्यापार की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने सुझाव दिया कि दोनों देश हाथ में हाथ डालकर भविष्य में आर्थिक सहयोग व व्यापार का रणनीतिक लक्ष्य बनाएं, सेवा व्यापार और हाई टेक में सहयोग पर जोर दें और वीसा प्राप्त करने की प्रक्रिया आसान करें, ताकि दोनों देशों के व्यक्तियों के बीच आवाजाही में सुविधा मिल सके।
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