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(GMT+08:00) 2008-01-14 16:14:12    
चीन युरोप एशिया और पेन एशिया रेल लाइनों के निर्माण में क्रियाशील

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इधर सालों में चीन और युरोप व एशिया के अन्य देशों व क्षेत्रों के बीच आर्थिक व व्यापारिक आवाजाही दिन ब दिन बढती रहने के चलते सीमापार रेल परिवहन मात्रा में भी लगातार वृद्धि होती जा रही है । आर्थिक व व्यापारिक विकास में अंतर देशीय रेल परिवहन की मांग को पूरा करने के लिये चीन युरोप एशिया और पेन एशिया रेल लाइनों के निर्माण में तेजी ला रहा है ।

9 जनवरी को एक साल से अधिक समय की तैयारी में युरोप एशिया रेल लाइन पर प्रथम रेल गाड़ी प्रयोगात्मक रूप से पेइचिंग से रवाना हुई , फिर इसी माह की तीसरी दशमी में अंतिम पड़ाव जर्मनी के हमबर्ग तक पहुंच जायेगी । यह रेल गाड़ी चीन , मंगोलिया , रुस , बाइलो रूस , पोलैंड से होकर जर्मनी तक पहुंच जाती है , इस रेल लाइन की कुल लम्बाई दस हजार किलोमीटर है और पूरी रेल यात्रा में 18 दिन लग जाते हैं । यह युरोप एशिया रेल लाइन मुख्यतः कंटेनर पहुंचाने का काम संभालती है , इस रेल लाइन पर परिवहन विधिवत रूप से शुरू होने के बाद चीनी मालों को जर्मनी तक पहुंचाये जाने में जो समय लगता है , वह समुद्री परिवहन से 50 प्रतिशत बच जाता है ।

युरोप एशिया रेलवे की चीनी कंटेनर एजेंट चीनी संयुक्त अंतर्राष्ट्रीय कंटेनर परिवहन लिमिटेड कम्पनी में कार्यरत चंग मिंग ली ने इस का परिचय देते हुए कहा कि युरोप एशिया रेल लाइन पर प्रयोगात्मक परिवहन शुरू होने से अगले एक साल के भीतर औपचारिक परिवहन अमल में लाने की आशा है । पुरोप एशिया रेल लाइन पर सामान्य परिवहन को सुनिश्चित बनाना चालू वर्ष में चीनी रेल कार्यों का जोर है ।

उन्हों ने कहा कि वर्तमान में आने जाने की रेल गाड़ियों की संख्या निश्चित नहीं है , हमारे लिये यह जरूरी है कि सुचारू रूप से रेल गाड़ी चलायी जाये और इस मार्ग को और अधिक सुदृढ़ बनाया जाये । लेकिन इस रेल लाइन पर सुचारु परिवहन के लिये कुछ बाधाएं भी सामने खड़ी हुई हैं , मसलन कुछ देशों में माल उतारने व चढ़ाने की क्षमता पर्याप्त नहीं है , कुछ देशों में कस्टम प्रणालियों की भिन्नता की वजह से बाधित भी हो गया है । चीनी रेल मंत्री ल्यू ची च्युन ने कई संबंधित देशों के रेल मंत्रियों के साथ पेइचिंग में इसी संदर्भ में सलाह मशविरा किया है , ताकि युरोप एशिया रेल लाइन के विकास को बढावा देने के लिये उक्त समस्याओं का समाधान किया जा सके ।

युरोप एशिया रेल लाइन के विकास में मौजूद कुछ ठोस समस्याओं के मद्देनजर इस माह में चीन , मंगोलिया , रूस , बाइलो रूस , पोलैंड और जर्मनी इन 6 देशों के रेल जिम्मेदार व्यक्तियों ने पेइचिंग में आपसी समझदारी व सहयोग के बारे में मेमोरंडम ज्ञापन संपन्न किया और उक्त समस्याओं के समाधान पर व्यापक सहमतियां प्राप्त कीं ।

युरोपीय देशों के साथ मिलकर युरोप एशिया रेल लाइन के निर्माण के अतिरिक्त चीन आशियान देशों के साथ पेन एशिया रेल लाइन के निर्माण में भी तेजी ला रहा है । पेन एशिया रेल लाइन दक्षिण पश्चिम चीन के युननान प्रांत के खुन मिंग शहर से शुरु होकर म्येंमार , थाईलैंड , वियतनाम , कम्बोडिया , मलेशिया से गुजर कर सिंगापुर पहुंच जाती है , इस रेल लाइन की कुल लम्बाई पांच हजार पांच सौ किलोमीटर है । इस पेन एशिया रेल के निर्माण के बाद आसपास के एशियाई देशों की आर्थिक व व्यापारिक आवाजाही और विभिन्न देशों के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में भारी भूमिका निभाई जायेगी ।

चीनी रेल मंत्री ल्यू ची चुन ने कहा  चीन चालू वर्ष में पास पड़ोस के देशों के साथ आदान प्रदान व सहयोग बढ़ावा देगा और पेन एशिया रेल लाइन और इन देशों के रेल पोर्टों के निर्माण को सक्रिय रूप से गति देगा ।

इस के अलावा ल्यू ची चुन ने यह भी कहा कि चीनी रेल मंत्रालय और ज्यादा विदेशी पूजी को आकर्षित करना जारी रखेगा और चीनी रेलवे के सामजस्यपूर्ण विकास के लिये विदेशी पूंजी के प्रयोग की गुणवत्ता व मुनाफा उन्नत करेगा ।